लखनऊ। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने आवश्यक सेवाओं को छोड़कर राज्य के बाकी सभी सरकारी और निजी दफ्तरों में एक समय में 50 प्रतिशत कर्मचारियों की ही उपस्थिति की व्यवस्था लागू करने के आदेश दिए हैं। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने सोमवार को बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड-19 की रोकथाम संबंधी एक उच्च स्तरीय बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि अब आवश्यक सेवाओं को छोड़कर प्रदेश के बाकी सभी सरकारी और निजी कार्यालयों में एक समय में 50 प्रतिशत कर्मचारियों को ही बुलाने की व्यवस्था लागू की जाए और आवश्यकतानुसार घर से काम करने की संस्कृति को प्रोत्साहित किया जाए।
उन्होंने यह भी आदेश दिया कि निजी क्षेत्र के कार्यालयों में सेवारत कोई कर्मचारी यदि संक्रमित पाया जाता है, तो उसे न्यूनतम सात दिनों के वेतन सहित अवकाश दिया जाए। सभी कार्यालयों में कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना अनिवार्य रूप से हो और जांच के बिना किसी को प्रवेश न दिया जाए। योगी ने निर्देश दिए कि सभी सरकारी और निजी अस्पतालों के ब्राह्य रोगी विभाग (ओपीडी) में चिकित्सकों से मिलने के लिए ऑनलाइन समय लेने को प्रोत्साहित किया जाए। विशेष परिस्थिति में ही मरीज अस्पताल आएं। मरीजों को डिजिटल माध्यम से चिकित्सक का परामर्श लेने की सुविधा का विकल्प दिया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दृष्टिगत टीकाकरण कार्य को और तेज करने की जरूरत है। इस क्रम में घोषित निर्वाचन कार्यक्रम के अनुसार चरणबद्ध रूप से जनपदों को चिह्नित करते हुए 100 प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य तय किया जाए। मतदान तिथि के 10 दिवस पूर्व तक संबंधित जनपद के हर एक नागरिक का टीकाकरण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना वारयस से निपटने में मदद कर रहे अग्रिम मोर्चे के कर्मियों, स्वास्थ्यसेवा कर्मियों और अन्य बीमारियों से जूझ रहे 60 वर्ष से अधिक आयु वाले नागरिकों को सोमवार से एहतियानी खुराक दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप हर पात्र व्यक्ति को एहतियाती खुराक दिए जाने का निर्देश दिया।