कोरोना का कहर: भारत में कहर बरपाने वाला B.1.1.7 वैरिएंट की पहली तस्वीर आई सामने, जानिए आखिर यह इतना संक्रामक क्यों है?

नई दिल्ली। देश में संक्रमण के दूसरी लहर के बीच जिम्मेदार कोरोना वैरिएंट B.1.1.7 की पहली तस्वीर सामने आई है। इसमें साफ-साफ दिख रहा है कि कैसे कोरोना शरीर की कोशिकाओं से चिपकता है। इस तस्वीर को कनाडा के एक रिसरचर्स ने जारी किया है। बतादें कि इस स्ट्रेन की वजह से ही कई देशों में कोरना संक्रमण की दूसरी लहर आई है।
Image source- @UBC
जारी किाया गया म्यूटेशन की स्ट्रक्चरल इमेज
इस मॉलिक्यूलर इमेज (B.1.1.7 variant first picture) को कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय के रिसरचर्स ने जारी किया है। जिसमें SARS-CoV-2 स्पाइक प्रोटीन के एक हिस्से पर पाए गए म्यूटेशन की स्ट्रक्चरल इमेज है। मालूम हो कि स्पाइक प्रोटीन वायरस का वह हिस्सा है जो संक्रमण के लिए जिम्मेदार है। जबकि म्यूटेशन वह बदलाव है जिसके चलते वायरस तेजी से फैला।
मानव शरीर में आसानी से प्रवेश कर जाता है B.1.1.7 वैरिएंट
इस तस्वीर के सामने आने के बाद ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय (UBC) ने एक बयान जारी कर कहा, B.1.1.7 वैरिएंट की तस्वीर से पता चल रहा है कि आखिर यह इतना संक्रामक क्यों है? जिसके कारण भारत, ब्रिटेन में तबाही मची और अब कनाडा में भी दिक्कतें बढ़ रही हैं। UBC ने आगे कहा कि यह तस्वीरें नियर एटॉमिक रेजोल्यूशन वाली हैं, यानी तस्वीर के रेजोल्यूशन में वायरस के कण भी हैं।
UBC के मेडिसिन डिपार्टमेंट में बायोकेमेस्ट्री और मॉलिक्यूलर बायोलॉजी विभाग में प्रोफेसर डॉ. श्रीराम सुब्रमण्यम की अगुवाई में एक टीम ने कहा कि तस्वीरों में यह देखा जा सकता है कि यह मानव शरीर की कोशिकाओं में बहुत आसानी से प्रवेश कर जाता है।
वैक्सीन्स से म्यूटेशन को भी खत्म किया जा सकता है
हालांकि अच्छी बात ये है कि हाल ही में पीएलओएस बायोलॉजी में प्रकाशित टीम के एनालिसिस से पता चला है कि मौजूदा वैक्सीन्स के जरिए वायरस के म्यूटेशन को भी खत्म किया जा सकता है। रिपोर्ट में कहा गया कि ‘हमें जो तस्वीरें मिली हैं उसमें N501Y म्यूटेशन की पहली स्ट्रक्चरल झलक दिखती है। इससे यह भी पता चलता है कि म्यूटेशन के परिणामस्वरूप होने वाले बदलाव स्थानीय हैं। वास्तव में, N501Y म्यूटेशन B.1.1.7 वैरिएंट में इकलौता म्यूटेशन है जो स्पाइक प्रोटीन के हिस्से पर है।’