Corona effect: कोरोना से ठीक हुए मरीजों की अब साइटोकाइन स्टार्म से हो रही है मौत, जानिए डॉक्टरों ने इस बारे में क्या कहा?

इंदौर। कोरोना की दूसरे लहर ने भारत में कोहराम मचाया हुआ है। रोजाना देश में लगभग 3 लाख से अधिक नए मरीज सामने आ रहे हैं। इसी बीच रोजाना नए-नए खुलासे भी हो रहे हैं। इसी कड़ी में इंदौर स्थित दो बड़े अस्पतालों में भर्ती पुलिस अधिकारियों के स्वजन की मौत ने डाक्टरों को भी हैरान कर दिया है। दरअसल, कोरोना से संक्रमित होने के कारण दोनों मरीजों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। दोनों मरीजों ने कोरोना से जंग भी जीत ली थी, लेकिन वे साइटोकाइन स्टार्म से जिंदगी हार गए।
क्या होता है साइटोकाइन
साइटोकाइन शरीर में मौजूद प्रोटीन की एक श्रृंखला होती है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करती है। डॉक्टरों की माने, तो वायरस शरीर में प्रवेश करते ही सबसे पहले कोशिकाओं पर हमला बोलता है और इसे नष्ट करने के लिए तेजी से अपनी संख्या बढ़ाता है। ऐसे में शरीर के इम्यून सिस्टम को यह संकेत मिल जाता है कि वायरस शरीर में प्रवेश कर चुका है तो वह साइटोकाइन संवाद स्थापित करता है। साइटोकाइन संक्रमित कोशिकाओं को नष्ट होने का संकेत देता है ताकि वायरस स्वस्थ कोशिकाओं में प्रवेश न कर सके। ऐसी स्थिति में इम्यून सिस्टम अधिक संख्या में साइटोकाइन पैदा कर देता है, जिसे साइटोकाइन स्टार्म कहा जाता है। लेकिन अधिक संख्या हो जाने के कारण यह फेफड़ों की स्वस्थ कोशिकाओं को भी नष्ट करने लगता है।
कैसे हुआ इसका खुलासा?
दरअसल, पहले इंदौर में एक पुलिस अधिकारी के पिता कोरोना संक्रमित हुए उन्हें सांवेर रोड स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया। यहां उनकी तबीयत में सुधार हुआ और रिपोर्ट भी निगेटिव आ गई, लेकिन घर ले जाते ही स्वास्थ्य खराब हो गया। इसके बाद परिजनों ने न्यूरो फिजिशियन की सलाह ली तो डाक्टर ने बताया कि उन्हें साइटोकाइन स्टार्म आया है।
इंदौर से आया दूसरा मामला
दूसरा मामला भी इंदौर से ही आया। जहां राजेंद्रनगर क्षेत्र स्थित एक बड़े अस्पताल में डीआइजी स्तर के अधिकारी की पत्नी का कोरोना के कारण निधन हो गया। सीटी स्कैन से पता चला कोविड-19 के कारण फैला संक्रमण तो कम हो गया था। आक्सीजन का स्तर भी ठीक ही था, लेकिन अचानक साइटोकाइन स्टार्म के कारण उनकी मौत हो गई।
डॉक्टर साइटोकाइन स्टार्म को लेकर क्या कहते हैं
इस मामले पर इंदौर के इंडेक्स अस्पताल के डा. सुधीर मौर्य का कहना है कि साइटोकाइन स्टार्म के कारण तेज बुखार और शरीर में खून जमने जैसी स्थिति पैदा हो जाती है। इस कारण से श्वेत रक्त कोशिकाएं स्वस्थ ऊतकों पर भी हमला करने लगती हैं और फेफड़ों, हृदय, यकृत, आंतों, गुर्दा और जननांग पर प्रतिकूल असर डालती हैं। इस कारण से कोरोना संक्रमण से ठीक हुए मरीजों की मौत हो जाती है।