नई दिल्ली। कोरोना महामारी के दौरान वृद्धजनों में बढ़ती चिंता और अवसाद के मामले को देखते हुए सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने एल्डरलाइन योजना को शुरू किया है। इस योजना के तहत प्रमुख राज्यों में कॉल सेंटर शुरू किए जाएंगे। मंत्रालय की तरफ से एक प्रेस रिलीज जारी कर बताया गया है कि यह सुविधा देश के 6 राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना और कर्नाटक में पहले से ही चालू है। लेकिन अब सरकार की योजना मई, 2021 के अंत तक सभी राज्यों में इस सेवा को शुरू करने की है।
टोल फ्री नंबर 14567 पर कर सकते हैं संपर्क
इन कॉल सेंटरों पर टोल फ्री नंबर 14567 के जरिए संपर्क किया जा सकता है। जहां वृद्धजन जानकारों से सलाह ले सकते हैं। मप्र में इस सुविधा की शरूआत 28 अप्रैल को ही हो गई है और अब तक 163 कॉल्स पर एक्शन भी लिया गया है। इसी तरह से राजस्थान और कर्नाटक में भी इसी तारीख को इस हेल्पलाइन की शुरुआत की गई थी। जहां राजस्थान में 25 कॉल्स पर एक्शन हुआ तो कर्नाटक में 122 कॉल्स पर एक्शन लिया गया। उत्तर प्रदेश में 14 मई 2021 को इसकी शुरुआत हुई थी और अब तक 94 कॉल्स पर कार्रवाई की जा चुकी है।
कोविड महामारी ने डाला खासा असर
पिछले दिनों आई एक स्टडी में कोविड-19 महामारी की वजह से देश के वृद्धजनों के मानसिक स्वास्थ्य की एक झलक देने की कोशिश की गई थी। एजवेल फाउंडेशन की तरफ से हुई स्टडी में 5,000 वृद्धों को शामिल किया गया था। इस स्टडी में शामिल 70.1 फीसदी लोगों ने कहा था कि उन्हें नींद न होने की समस्या हो रही है। स्टडी के मुताबिक पिछले एक माह के दौरान 63 फीसदी वृद्धों में डिप्रेशन के लक्षण तक देखे गए हैं। वो अकेलेपन और सामाजिक एकांतवास की वजह से डिप्रेशन के शिकार हो रहे हैं।
प्रतिबंधों की वजह से परेशान बुजुर्ग
फाउंडेशन की तरफ से 10 अप्रैल से 10 मई के बीच ये आंकड़ें इकट्ठा किए गए थे। 55 फीसदी से ज्यादा वृद्धजनों ने दावउ किया कि उन्हें कमजोरी की शिकायत रहती है। उनका कहना था कि महामारी की वजह से लगाए गए प्रतिबंधों की वजह से जीवनशैली में आए बदलावों ने उनकी जिंदगी को खासा प्रभावित किया है। 52 फीसदी से ज्यादा वृद्धों ने भूख न लगने तक की शिकायत की थी।