लंदन। (भाषा) ब्रिटेन में गत एक सप्ताह में कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप से संक्रमित 33,630 नए मरीज मिले हैं, इसके साथ ही ब्रिटेन में वायरस के इस स्वरूप से संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 75,953 हो गई है। वायरस के इस स्वरूप को सबसे पहले भारत में चिह्नित किया गया था और अब ब्रिटेन में 99 प्रतिशत नए मरीज इसी स्वरूप से संक्रमित पाए जा रहे हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। वायरस के विभिन्न स्वरूपों पर साप्ताहिक आधार पर निगरानी कर रहे पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (पीएचई) ने कहा कि आंकड़े बताते हैं कि अल्फा स्वरूप के मुकाबले डेल्टा स्वरूप से अस्पताल में मरीजों के भर्ती होने का खतरा बढ़ रहा है।
कुल मरीजों की संख्या 75,953 हैं
वायरस के अल्फा स्वरूप की सबसे पहले पहचान ब्रिटेन के ही केंट इलाके में की गई थी। पीएचई ने पहले के अध्ययन को रेखांकित किया कि कोविड-19 टीके की दो खुराक डेल्टा स्वरूप से ‘‘उच्च श्रेणी की सुरक्षा प्रदान’ करती हैं और अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति से बचाती हैं। पीएचई की रिपोर्ट में कहा, ‘‘पीएचई के कोरोना वायरस के स्वरूपों पर तैयार साप्ताहिक आंकड़े दिखाते हैं कि गत एक हफ्ते में ब्रिटेन में डेल्टा स्वरूप से संक्रमितों की संख्या में 33,630 मरीजों की वृद्धि हुई है और अब इससे संक्रमित कुल मरीजों की संख्या 75,953 हो गई है।’’ रिर्पोट में कहा गया, ‘‘अद्यतन आंकड़े बताते हैं कि देश में संक्रमण के 99 प्रतिशत मामले डेल्टा स्वरूप की वजह से आ रहे हैं।
डेल्टा स्वरूप के एक साथ 806 मरीजों मिले
आंकड़े बताते हैं कि अल्फा के मुकाबले डेल्टा से अस्पताल में भर्ती होने का खतरा बढ़ा है। हालांकि, पीएचई के विश्लेषण से पता चलता है कि टीके की दो खुराक डेल्टा से संक्रमण के बावजूद अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति से उच्च श्रेणी की सुरक्षा प्रदान करती है। अनुमान है कि यह सुरक्षा 90 प्रतिशत से अधिक है।’’ विश्लेषण के मुताबिक 14 जून तक डेल्टा स्वरूप से संक्रमित 806 मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा जो पिछले सप्ताह भर्ती मरीजों की संख्या की तुलना में 423 अधिक थी। इनमें से 527 का टीकाकरण नहीं हुआ था जबकि महज 84 संक्रमितों को ही टीके की दोनों खुराक दी गई थी। आकलन में पता चला कि डेल्टा के संक्रमण से मृत्यु दर अधिक नहीं रही। हालांकि, रिपोर्ट में रेखांकित किया गया कि संक्रमण के कुछ हफ्तों बाद मौत हो सकती है और ऐसे में अल्फा के मुकाबले डेल्टा के मृत्युदर पर निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगी।
कितना खतरनाक है नया वैरिएंट
नए वेरिएंट की गंभीरता को लेकर एम्स के निर्देशक रणदीप गुलेरिया ने कहा कि इस वेरिएंट से भारत में मौजूद मोनोक्लोनल एंटीबाडी काकटेल के प्रभाव को झटका लग सकता है। हालांकि ‘डेल्टा प्लस’ वेरिएंट कितनी घातक हो सकती है, अभी तक इसका कोई संकेत नहीं मिला है। इस लिए चिंता की कोई बात नहीं है। लोग नए वेरिएंट से संक्रमित हो सकते हैं, लेकिन वे ज्यादा खतरनाक स्थिति में नहीं जाएंगे।