मुंबई। यूरोप में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर महाराष्ट्र में कई डॉक्टरों ने सुझाव दिया है कि स्वास्थ्य और अग्रिम मोर्चे के कर्मियों को कोविड-19 रोधी टीके की एक बूस्टर खुराक दी जानी चाहिए। बॉम्बे अस्पताल के डॉक्टर गौतम भंसाली ने पीटीआई-भाषा से कहा कि जिन लोगों को छह से आठ महीने पहले टीके की दोनों खुराक दी जा चुकी हैं, उनमें एंटीबॉडी की संख्या कम हो रही है।
उन्होंने कहा, “जिन लोगों को टीके की दूसरी खुराक छह से आठ महीने पहले दी गई थी उनमें एंटीबॉडी की संख्या घट रही है। हमें स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे पर काम कर रहे कर्मियों को टीके की बूस्टर खुराक देनी चाहिए क्योंकि उन्हें संक्रमण का खतरा अधिक है।” भंसाली ने कहा कि जो लोग पहले से किसी रोग से पीड़ित हैं उन्हें भी यही खतरा है और उनको भी बूस्टर खुराक दी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा, “यूरोप के देशों में कोविड-19 मामलों में वृद्धि फिर से देखी जा रही है। हमने प्रतिबंधों में ढील दे दी है इसलिए फरवरी या मार्च 2022 में संक्रमण की लहर आने की आशंका है।” उन्होंने कहा, “परेशान होने की बजाय हमें भारत में संक्रमण की तीसरी लहर के लिए तैयार रहना चाहिए। टीके से संक्रमण की तीव्रता के प्रति प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायता मिलती है यह साबित हो चुका है। अगर हम अभी बूस्टर खुराक के बारे में सोचें तो मुझे लगता है कि यह ठीक होगा।”
महाराष्ट्र राज्य कोविड-19 कार्यबल के एक सदस्य ने भी इसी प्रकार के विचार व्यक्त किये। उन्होंने कहा, “टीके की खुराक उपलब्ध है और हमें जीवन रक्षा के लिए उनका इस्तेमाल करना चाहिए।” एक अन्य डॉक्टर ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने वालों और सरकारी कर्मियों को टीके की तीसरी खुराक दी जानी चाहिए।