भोपाल। देश सहित मध्य प्रदेश राज्य में भी कोरोना की स्थिति को भांपते हुए शासन-प्रशासन स्तर पर तैयारियों शुरू हो गई हैं। कोरोना की स्थिति नियंत्रण में रहे इसके लिए प्रदेभर में अलर्ट जारी किया गया है। बता दें कि बढ़ते कोरोना को लेकर गुरुवार को एक बैठक की गई है, जिसमें समीक्षा किए जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने राजधानी भोपाल के साथ ही प्रदेशभर की जनता को अलर्ट रहने के लिए कहा है। साथ ही पहले की ही तरह कोविड के नियमों का पालन करते हुए भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में न जाने और मास्क पहनने की अपील भी की गई है।
जीनोम सिक्वेंसिंग टेस्टिंग होगी
बैठक में जानकारी दी गई है कि प्रदेश में मिलने वाले कोविड के मरीजों की जांच जीनोम सिक्वेंसिंग टेस्टिंग के जरिए होगी। मरीज की रिपोर्ट पॉजीटिव आने पर जीनोम सिक्वेंसिंग टैस्ट किया जाएगा। इस जांच के लिए सैंपल भोपाल एम्स के साथ ही ग्वालियर के डीआरडीओ की लैब में भेजे जाएंगे। इसके लिए निर्देश भी जारी किए गए हैं। बताया गया कि रीवा, भोपाल, इंदौर के साथ ही उज्जैन के मरीजों के सैंपल एम्स, भोपाल और ग्वालियर, सागर व जबलपुर के पॉजीटिव मरीजों के सैंपल ग्वालियर जांच के लिए भेजे जाएंगे।
जीनोम सिक्वेंसिंग क्या है
यहां बता दें कि स्वस्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार किसी भी प्रकार के वायरस के संबंध में जानकारी प्राप्त करने के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग टेस्ट किया जाता है। माना जा रहा है कि इस बार फैलने वाले कोविड का वेरिएंड पहले वाले कोविड से ज्यादा घातक है, जिसके संबंध में सही जानकारी होना जारूरी है। इसीलए इसके लिए पहले से ही निर्देश जारी किए गए हैं। मिलने वाले कोविड के मरीजों से सैंपल लेकर जीनोम सिक्वेंसिंग टैस्ट कराया जाएगा। यह टेस्ट कराकर पता किया जा सकेगी कि किसी भी व्यक्ति में मिलने वाला यह वायरस किस प्रकार का है।
इस संबंध में स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. सुदाम खाड़े ने कहा है कि पॉजीटिव मरीजों के सैंपलों के जीनोम सिक्वेसिंग टेस्ट के लिए कहा गया है, लेकिन घबराने के बात नहीं है। अब तक हमारे यहां इस तरह का मामला नहीं है, लेकिन फिर भी सवाधानी बरते जाने की जरूरत है। लोगों से अपील है कि कोविड के नियमों का पालन जरूर करें।