भोपाल। देश में चौथी लहर की दस्तक के बीच Corona 4 th Wave Effect for Children अब टेंशन बढ़ गई है। वो इसलिए क्योंकि स्कूल खुल चुके हैं। इसी बीच पहले कुछ कक्षाओं के एग्जाम भी निपट चुके हैं। यानि स्कूल खुलने से लेकर अभी तक करीब 50 दिन में करीब 95 बच्चे कोरोना की चपेट में आए हैं। चौथी लहर की आहट के बीच टेंशन वाली बात इसलिए भी है कि मार्च में हुई होल जीनोम सीक्वेंसिंग में हर 10वें सैंपल में ओमिक्रॉन या फिर इसके सब वैरिएंट मिले हैं।
विशेषज्ञों की मानें तो 12 या इस साल से कम उम्र के बच्चे का फिलहाल वैक्सीनेशन नहीं हुआ हैं, ऐसे में संक्रमण से इस एजग्रुप को सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है। जिसके लिए कोविड प्रोटोकॉल फॉलो कराना आवश्यक हो गया है। इस आयु वर्ग के बच्चों पर कोरोना का खतरा सबसे ज्यादा है।
डर इसलिए भी है कि स्कूल खुलने और एग्जाम के दौरान 50 दिन में ही प्रदेशभर में 95 बच्चे संक्रमित मिल चुके हैं। सभी की उम्र 10 साल से कम है यानी सभी नॉन वैक्सीनेटेड हैं। चौथी लहर की आहट इसलिए भी है कि मार्च में हुई होल जीनोम सीक्वेंसिंग में हर 10वें सैंपल में ओमिक्रॉन या फिर इसके सब वैरिएंट मिले हैं। एक्सपर्ट की मानें तो 12 या इस साल से कम उम्र के बच्चे नॉन वैक्सीनेटेड हैं, ऐसे में संक्रमण से इस एजग्रुप को सेफ रखने के लिए कोविड प्रोटोकॉल फॉलो करना जरूरी है।
म्यूटेशन पर है नजर —
कोरोना वायरस द्वारा किए जा रहे म्यूटेशन को जांचने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रत्येक जिले से संक्रमितों के सैंपल लेकर जीनोम सीक्वेंसिंग जांच की जा रही है।
मार्च में पूरी एमपी से होल जीनोम सिक्वेंसिंग (WGS) के लिए भेजे गए 352 सैंपल में से 36 सैंपल में म्यूटेशन यानी ओमिक्रॉन मिला है। सबसे बड़ी टेंशन बढ़ाने वाली बात ये है कि थर्ड वेव के दौरान सुपर स्प्रेडर माने गए ओमिक्रॉन के जिस सब वैरिएंट BA.2 की इनमें पुष्टि हुई है। जहां 36 में से 11 सैंपल में BA.2 मिला है। तो वहीं स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार मार्च में 73 सैंपल रिजेक्ट हुए हैं।
इसलिए बच्चों में बढ़ रहे हैं कोरोना के मामले —
आपको बता दें 1 मार्च से 19 अप्रैल तक यानि करीब 50 दिनों के बीच एमपी 2 हजार नए केस सामने आए हैं। जिसमें सबसे ज्यादा टेंशन बढ़ाने वाली बात यही है कि इनमें से 95 बच्चे पॉजिटिव हैं। जिनकी उम्र 10 साल से कम है। इतना ही नहीं ये सभी स्कूल जाने वाले बच्चे हैं। जिसमें एक-दूसरे के संपर्क में आने पर बच्चों में कोरोना फैला है।
कहां कितने बच्चे संक्रमित —
इंदौर — 12
रायसेन — 10
डिंडोरी — 7
मंडला — 6
देवास, नरसिंहपुर, उमरिया — 5
होशंगाबाद, जबलपुर — 4-4
बालाघाट, विदिशा में 3-3
आगर, बैतूल, छतरपुर, भोपाल, झाबुआ, कटनी, पन्ना, राजगढ़, सिवनी, शिवपुरी — 2-2
अनूपपुर, बडवानी, अशोकनगर, हरदा, खंडवा, खरगोन, मंदसौर, मुरैना, रीवा, सीहोर, उज्जैन — 1-1
20 बच्चे ऐसे भी हैं, जिनकी तबीयत खराब होने पर स्कूल प्रबंधन द्वारा जांच कराई गई थी।