रिपोर्ट: श्याम सिंह चौहान, जशपुर
CG Conversion Case: छत्तीसगढ़ के जशपुर में धर्मांतरण का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां जीते जी जिस आदमी की घर वापसी नहीं हो सकी है। अब उसकी मौत हो गई है, इसके बाद हिन्दू धर्म में वापसी के लिए परिजनों ने कब्र खोदकर शव सुपुर्द करने की मांग की है। इसको लेकर थाने में परिवारजनों ने आवेदन दिया है।
बता दें कि प्रदेश में कई आदिवासियों ने ईसाई धर्म (CG Conversion Case) अपना लिया। इसकी शुरुआत 1905 से शुरू हुई है। जहां जशपुर जिले के खड़कोना गांव में 4 परिवारों ने ईसाई धर्म अपनाया था। अब जिले में इनकी संख्या लाखों में हो गई है। इन्हीं में से एक शख्स था राजेंद्र चौराट जिसकी 13 अगस्त को आकाशीय बिजली गिरने से मौत हो गई। अब उसकी मौत के बाद धर्मांतरण का नया विवाद खड़ा हो गया है।
हिंदू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार की मांगी अनुमति
मृतक की मां, बहन ने शव को कब्र से बाहर निकालने की मांग की है। बता दें कि ईसाई धर्म (CG Conversion Case) अपने वाले लोगों के लिए अलग से कब्रिस्तान भी बना हुआ है। जहां कब्र में युवक का शव दफना दिया। अब कब्र से शव को बाहर निकालने की मांग की गई है। इसी की मांग को लेकर मां और बहन ने शव को बाहर निकालने के लिए आवेदन दिया है। ताकि वे युवक के शव को कब्र से बाहर निकालकर हिंदू रीति-रिवाज से उसका अंतिम संस्कार कर सकें।
आजादी से पहले से शुरू हुआ इतिहास
दरअसल मामला है जशपुर जिले के मनोरा विकासखंड के खड़कोना गांव का जहां से 1905 में जशपुर जिले में ईसाई धर्म (CG Conversion Case) की शुरुआत हुई थी।119 साल पहले खड़कोना में 4 परिवारों ने ईसाई धर्म अपनाया था और अब जिले में लाखों की संख्या में ईसाई समाज के लोग हैं। जशपुर जिले में धर्मान्तरण को लेकर अक्सर नए विवाद सामने आते रहते हैं।
नया विवाद ईसाई धर्म की शुरुआत करने वाले गांव खड़कोना से ही सामने आया है। खड़कोना में भुइंहर समाज के आदिवासी युवक राजेंद्र चौराट के शव को कब्र से निकालकर हिंदू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार करने की मांग की गई है। राजेंद्र चौराट की मृत्यु 13 अगस्त को आकाशीय बिजली गिरने से हो गई थी और उसका शव ईसाई समाज की रीति से दफनाया गया था।
पत्नी इस फैसले के खिलाफ
मृतक की पत्नी का दावा है कि उनके पति ने ईसाई धर्म (CG Conversion Case) अपना लिया था इसलिए उन्हें उसी धार्मिक रीति से दफनाया गया। हालांकी मृतक के माता-पिता और बहनें इस फैसले से असहमत हैं। उनका कहना है कि राजेंद्र का धर्मांतरण अवैध तरीके से कराया गया था और उन्होंने आस्ता थाने में आवेदन देकर शव को वापस देने की मांग की है ताकि हिंदू परंपराओं के अनुसार उनका अंतिम संस्कार किया जा सके।
संवेदनशील मुद्दा है, कार्रवाई कर रहे हैं
इस मामले में एडिशनल एसपी जशपुर का कहना है कि यह संवेदनशील (CG Conversion Case) मुद्दा है। इसलिए इस पर हर पहलू पर नजर रखी जा रही है, उसी के अनुसार कार्रवाई की जा रही है। पुलिस प्रशासन इस मामले पर नजर बनाए हुए हैं।
गैरकानूनी तरीके से धर्मांतरण
इधर भलसाय राम भुइंहर समाज अध्यक्ष, कृपाशंकर भगत आदिवासी नेता समेत भुइंहर समाज और स्थानीय आदिवासी नेताओं ने भी धर्मांतरण (CG Conversion Case) के खिलाफ आवाज उठाई है। उनका कहना है कि राजेंद्र का धर्मांतरण गैरकानूनी तरीके से कराया गया था, जो समाज और उसकी परंपराओं के खिलाफ है।
इस मांग के पीछे उनका तर्क है कि मृतक के पारंपरिक रीति-रिवाजों से ही अंतिम संस्कार होना चाहिए।इस मामले को लेकर समाज में टकराव बढ़ता जा रहा है, जहां एक ओर मृतक के परिवारजन हिंदू रीति से अंतिम संस्कार की मांग कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर मृतक की पत्नी और ईसाई समाज इसे अस्वीकार कर रहे हैं। पुलिस और प्रशासन इस मामले पर नजर बनाए हुए हैं और इसे संवेदनशील मुद्दा मानकर कार्रवाई कर रहे हैं। समाज और परिवार के बीच समाधान निकालने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं ताकि इस संवेदनशील मामले में सामंजस्य स्थापित किया जा सके।
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पहले भी सामने आए हैं कई मामले
छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के कई मामले सामने आते रहे हैं। जिनमें लोगों ने फिर से हिंदू धर्म में वापसी भी की है, लेकिन किसी के मरने के बाद उसकी घर वापसी करना ये अपने आप में अनोखा है। बहरहाल प्रशासन समाज और परिवार के बीच समाधान निकालने के लिए प्रयास कर रहा है।
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