हाइलाइट्स
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सीधी लोकसभा सीट बीजेपी का गढ़
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कांग्रेस ट्रेडिशनल तरीके से लड़ रही चुनाव
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सीधी में दिलचस्प होगा मुकाबला
Sidhi Lok Sabha Seat : देश में 18वीं लोकसभा (lok sabha Chunav 2024) के महासंग्राम का बिगुल बज चुका है।
मध्यप्रदेश में भी दोनों प्रमुख दलों की तस्वीर पूरी तरह साफ हो गई है। प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से 28 पर बीजेपी का सीधा मुकाबला कांग्रेस से है।
मध्य प्रदेश की लोकसभा सीटों के चुनाव पूर्व एनालिसिस में आज यहां सीधी लोकसभा सीट (Sidhi lok sabha Seat) को लेकर आकलन कर रहे हैं।
बीजेपी के डॉ. राजेश मिश्रा बनाम कांग्रेस के कमलेश्वर पटेल
यहां बीजेपी ने डॉ. राजेश मिश्रा को टिकट दिया है। वहीं कांग्रेस (Congress) ने पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल को मैदान में उतारा है।
विकास से अछूती सीधी लोकसभा सीट पर इस बार स्थानीय मसले बनाम राष्ट्रीय मुद्दों के लेकर दोनों पार्टियों के प्रत्याशी मैदान में हैं। चुनाव में इस बार दोनों ही पार्टियों से नए चेहरे हैं।
बीजेपी प्रत्याशी डॉ. राजेश मिश्रा की ताकत
सीधी लोकसभा चुनाव (Sidhi lok sabha Seat) में बीजेपी (BJP) के डॉ. राजेश मिश्रा पेशे से डॉक्टर हैं और शहर में उनका बड़ा नर्सिंग होम संचालित है।
मुख्य रूप से लोग उन्हें डॉक्टर साहब के रूप में जानते हैं। वे चूंकि नर्सिंग होम कारोबार से जुड़े हैं। इसलिए व्यापारियों में उनकी अच्छी पकड़ है।
- मोदी, मंदिर और राष्ट्रवाद
बीजेपी (BJP) के सभी प्रत्याशियों की तरह डॉ. राजेश मिश्रा को भी पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की पॉपुलर्टी, अयोध्या राम मंदिर की स्थापना और पार्टी की राष्ट्रवाद की नीति से प्रभावित लोगों के वोट बड़ी संख्या में मिलेंगे।
- सीधी लोकसभा सीट बीजेपी का गढ़
सीधी लोकसभा सीट (Sidhi lok sabha Seat) पर 2009 से लगातार बीजेपी का कब्जा है।
हालांकि, इससे पहले 1998 से 2007 तक तीन चुनाव में बीजेपी (BJP) के कैंडिडेट्स जीतते रहे हैं। सिर्फ 2007 से 2009 तक कांग्रेस के माणिक सिंह सीधी से सांसद रहे हैं।
यहां बीजेपी (BJP) वोटर्स की संख्या लगातार बढ़ रही हैं। इसके अलावा लोकसभा सीट में आने वाली 8 विधानसभाओं (Assembly) में से 7 पर बीजेपी के विधायक हैं।
जो सीधी लोकसभा सीट (Sidhi lok sabha Seat) को बीजेपी का गढ़ होने की पुष्टि करती है।
- प्रत्याशी को संगठन और सरकार का सपोर्ट
बीजेपी (BJP) प्रत्याशी डॉ. राजेश मिश्रा को बीजेपी संगठन और दोनों सरकार ( केंद्र और राज्य सरकार ) का पूरा सपोर्ट है।
इसके अलावा डॉक्टर साहब पेशेवर कारोबारी हैं। जिसका उन्हें चुनाव का मैनेजमेंट करने में मदद मिल सकेगी।
बीजेपी कैंडिडेट डॉ. राजेश मिश्रा की चुनौती
- बीजेपी की एंटी इनकंबेंसी
सीधी (Sidhi lok sabha Seat) में करीब 15 साल से बीजेपी (BJP) का कब्जा है। ऐसे में एंटी इनकंबेंसी से बीजेपी कैंडिडेट को सामना करना पड़ सकता है। चूंकि बीजेपी (BJP) का कैंडिडेट भी नया है। इसलिए इसका असर बताया जा रहा है।
- विकास के नाम पर सिर्फ रीवा-सीधी रोड
सीधी (Sidhi lok sabha Seat) आजादी के बाद से कनेक्टीविटी का इंतजार कर रहा है।
मोदी काल (10 साल) में विकास के नाम पर सिर्फ सीधी-रीवा रोड बना है। रेल की कोई सुविधा नहीं है।
रेलवे स्टेशन का हर बार नया जनप्रतिनिधि भूमिपूजन कर देता है, लेकिन सीधी और आसपास के लोगों को अभी तक रेल सुविधा लाभ नहीं मिल पाया है।
सीधी- सिंगरौली रोड दस साल से अटका है। इसके लिए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी मांफी तक मांग चुके हैं।
- बीजेपी में अंदरुनी कलह
बताते हैं आंकड़ों में तो सीधी लोकसभा सीट (Sidhi lok sabha Seat) पर बीजेपी को पलड़ा भारी है, लेकिन पार्टी के बाकी नेता बीजेपी के डॉ. राजेश मिश्रा के दूर भाग रहे हैं।
उनका मानना है कि नए कैंडिडेट के रूप में पार्टी को लम्बे समय से सक्रिय रूप से जुड़े किसी कार्यकर्ता को प्रत्याशी बनाना चाहिए था।
डॉक्टर साहब ने परिवारे ही टिकट कबाड़ लिया। बताया तो यहां तक जा रहा है पार्टी का आम कार्यकर्ता उनसे दूर है।
- राज्यसभा सदस्य अजयप्रताप सिंह की बगावत
सीधी (Sidhi lok sabha Seat) में राज्य सभा सदस्य अजय प्रताप सिंह के गोंगपा से मैदान में उतरने से भी बीजेपी को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
वे एलिट स्तर की राजनीति करते हैं। इसलिए जनता में उनका ज्यादा क्रेज नहीं है, लेकिन क्षत्रीय और बीजेपी (BJP) के कुछ वोट जरूर अपने खाते में ले जाएंगे
कांग्रेस प्रत्याशी कमलेश्वर पटेल की ताकत
- जनता में लोकप्रियता
कांग्रेस उम्मीदवार कमलेश्वर पटेल की जनता में अच्छी लोकप्रियता है। लोगों के लिए जाना पहचाना चेहरा है।
हालांकि, पिछले विधानसभा (Assembly) चुनाव में सिहावल सीट से पटेल को पराजय हाथ लगी थी।
फिलहाल मैदान में हैं और लोकसभा (Sidhi lok sabha Seat) के करीब हर वोटर्स तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं।
- ओबीसी चेहरा
कमलेश्वर पटेल ओबीसी चेहरा हैं। इस लोकसभा (Sidhi lok sabha Seat) में ओबीसी वोटर्स अब तक हार जीत का फैसला करते रहे हैं।
ऐसा माना जा रहा है कि यदि ओबीसी वोटर्स ने पटेल का साथ दिया तो संसद की राह पकड़ सकते हैं।
- स्थानीय विकास के मुद्दे
कांग्रेस स्थानीय विकास मुद्दों को उठाकर कैंपेनिंग कर रही है। जिसमें ललितपुर- सिंगरौली और सीधी-सिंगरौली रेल लाइन प्रमुख मुद्दा बना हुआ है।
इसके अलावा बेरोजगारी और अन्य मुद्दों को फोकस कर रहे हैं। कांग्रेस को उम्मीद है स्थानीय मुद्दे उनकी नैया पार लगा देंगे।
- ट्रेडिशनल तरीके से चुनाव प्रचार
कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता सीधी में ट्रेडिशनल तरीके से चुनाव प्रचार कर रहे हैं।
उनका मानना है कि यदि वे हर पार्टी कार्यकर्ता और वोटर्स से मिलेंगे तो कांग्रेस की जमीन मजबूत होगी साथ ही निराश वोटर्स को बाहर निकालने में सफल होंगे। वोटिंग के दिन कांग्रेस के लिए वोट करेंगे।
- अजय सिंह ‘राहुल भैया’ लगा रहे पूरा जोर
चुरहट से कांग्रेस विधायक अजय सिंह ‘राहुल भैया’ सीधी लोकसभा (Sidhi lok sabha Seat) में पार्टी के प्रत्याशी कमलेश्वर पटेल के समर्थन में खूब पसीना बहा रहे हैं।
एक तरह से उन्होंने इस सीट को जिताने के लिए परंपरागत तरीके से प्रचार की कमान संभाली हुई है।
जिससे उम्मीद है कि राजपूत वोटर्स बड़ी संख्या में कांग्रेस के पक्ष में वोट करेंगे।
सीधी (Sidhi lok sabha Seat) में कांग्रेस का कोई स्टार प्रचारक भी शायद ही कैपनिंग के लिए आए।
राहुल भैया को इस सीट पर अच्छा खासा प्रभाव भी है। ये बात अलग है कि वे पिछले लोकसभा चुनाव में रीति पाठक से जरूर हार गए थे।
कांग्रेस के कमलेश्वर पटेल की चुनौती
- मोदी, मंदिर लहर
मोदी, मंदिर लहर कांग्रेस कैंडिडेट कमलेश्वर पटेल के लिए रोड़ा बन सकती है। जिस पर कुछ कहने के लिए कांग्रेस और उनके कैंडिडेट के पास तर्क नहीं है। मोदी, मंदिर लहर से निपटना उनके बड़ी चुनौती है।
- कांग्रेस के खिलाफ जनता का रूझान
कांग्रेस के खिलाफ जनता का रूझान चल रहा है। इसकी मूल वजह राष्ट्रीय स्तर पर सक्षम नेतृत्व की कमजोरियां।
जिसका खामियाजा पार्टी और उनके कैंडिट्स को भी उठाना पड़ रहा है। सीधी में भी कांग्रेस प्रत्याशी कमलेश्वर पटेल को भी इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है।
- बीजेपी के नाराज वोटर्स को अपने पक्ष में करना
सीधी में कांग्रेस प्रत्याशी कमलेश्वर पटेल के लिए बीजेपी प्रत्याशी डॉ. राजेश मिश्रा और पार्टी से नाराज वोटर्स को अपने पक्ष में करना बड़ी चुनौती है।
अब पटेल इन नाराज वोटर्स कैसे कांग्रेस और अपने पक्ष में करें।
दिलचस्प होगा मुकाबला, परिणाम के लिए 4 जून का इंतजार
जानकारों को मनाना है कि सीधी (Sidhi lok sabha Seat) में इस बार बीजेपी और कांग्रेस में मुकाबला टक्कर का है।
अब बाजी किसके हाथ लगेगी। यह कहना बड़ा मुश्किल है। वरिष्ठ पत्रकार आरके सिंह का कहना है कि बीजेपी के डॉ. राजेश मिश्रा और कांग्रेस के कमलेश्वर पटेल के बीच मुकाबला दिलचस्प होने वाला है।
कौन जीतेगा इसके लिए तो 4 जून (परिणाम) का इंतजार करना होगा।
आठ विधानभाओं में से 7 पर बीजेपी का कब्जा
सीधी लोकसभा सीट (Sidhi lok sabha Seat) में आठ विधानसभा (Assembly) सीटें आती हैं। जिसमें में से सात पर बीजेपी का कब्जा है, जबकि सिर्फ चुरहट विधानसभा (Assembly) कांग्रेस (अजय सिंह) के पास है। इस हिसाब से आंकड़े बीजेपी के पक्ष में दिखाई दे रहे हैं।
सीधी लोकसभा में तीन जिलों की विधानसभाएं शामिल
सीधी लोकसभा सीट (Sidhi lok sabha Seat) में सीधी समेत तीन जिलों की विधानसभाएं शामिल हैं।
सीधी लोकसभा में सीधी जिले की चुरहट, धौहानी, सीधी और सिहावल तथा सिंगरौली की चितरंगी, देवसर और सिंगरौली विधानसभाएं (Assembly) आती हैं। इसकके अलावा शहडोल जिले की ब्यौहारी विधानसभा शामिल हैं।
सीधी लोकसभा सीट से कब, कौन चुना गया