हाइलाइट्स
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ओबीसी और युवा मतदाता करेंगे प्रत्याशी का फैसला
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कांग्रेस ने गोंड समाज से शशि को बनाया प्रत्याशी
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बीजेपी ने कंवर समाज से चिंतामणी को दिया टिकट
Sarguja Lok Sabha Seat: छत्तीसगढ़ की सरगुजा लोकसभा सीट लोकसभा चुनाव में अपनी एक अलग ही पहचान रखती है। यह अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट है। यहां की सबसे बड़ी बात यह है कि यहां का आदिवासी वोट एकतरफा जाता है।
जबकि ओबीसी वोटर यहां निर्णायक की भूमिका में रहते हैं। इस बार बीजेपी और कांग्रेस के प्रत्याशियों में कांटे की टक्कर देखी जा रही है। बता दें सरगुजा सीट पर लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में 7 मई को मतदान होगा।
सरगुजा लोकसभा सीट (Sarguja Lok Sabha Seat) से बीजेपी ने चिंतामणी महाराज को प्रत्याशी बनाया है। वहीं कांग्रेस ने शशि सिंह पर भरोसा जताया है।
बता दें कि विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा ने कांग्रेस को सरगुजा लोकसभा क्षेत्र की 8 विधानसभा सीटों पर 8-0 से एकतरफा हराया है। सरगुजा लोकसभा क्षेत्र की सभी विधानसभा सीट (Vidhansabha seat) भाजपा के कब्जे में हैं।
बीजेपी में आए तो मिला टिकट
चिंतामणि पहले कांग्रेस में थे, लेकिन जब विधानसभा में टिकट कटा तो वो बागी हो गए और उन्होंने बीजेपी जॉइन कर ली। अब बीजेपी ने उन्हें लोकसभा प्रत्याशी भी बनाया है।
आदिवासी समुदाय एकजुट
सरगुजा लोकसभा सीट (Sarguja Lok Sabha Seat) छत्तीसगढ़ में काफी मायने रखती है क्योंकि यहां जातिगत समीकरण काफी मायने रखता है। यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है।
इस सीट पर सबसे बड़ी बात जो है वह यह है कि यहां के आदिवासी समुदाय एकजुट होकर वोट करते हैं। वहीं ओबीसी यहां बड़ा वर्ग है, जो हर बार निर्णायक की भूमिका में होता है।
यहां बीजेपी ने कंवर समाज से चिंतामणी महाराज को प्रत्याशी बनाया है तो वहीं कांग्रेस ने गोंड समाज से शशि सिंह को प्रत्याशी बनाया है। बता दें कि आदिवासी समुदाय में गोंड और कंवर समाज का वोट सबसे ज्यादा है।
शीर्ष नेतृत्व का जीता विश्वास
कांग्रेस की बात करें तो पार्टी ने गोंड समाज की महिला नेत्री पर भरोसा किया है। पूर्व मंत्री की बेटी शशि सिंह को कांग्रेस (Sarguja Lok Sabha Seat) ने मौका दिया।
शशि सिंह के पास ज्यादा अनुभव नहीं है, लेकिन कम समय में शशि सिंह ने कांग्रेस की राष्ट्रीय राजनीति में अपनी भूमिका निभाकर शीर्ष नेतृत्व का विश्वास जीता है। इसका तोहफा उन्हें टिकट के रूप में मिला है।
आदिवासी सीट पर ओबीसी वोटर ज्यादा
बता दें कि सरगुजा लोकसभा सीट आरक्षित है। जबकि इस सीट पर ओबीसी वोटर जाता है। ऐसे में सरगुजा में इस बार ऊंट किस करवट बैठेगा ये कोई नहीं जानता। राजनीति के जानकार बताते हैं कि सरगुजा संसदीय सीट आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित है, लेकिन यहां आबादी अन्य पिछड़ा वर्ग की अधिक मानी जाती है। करीब 38% आदिवासी मतदाता हैं। 42% के करीब अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाता है। शेष 7 से 8 % सामान्य वर्ग के वोटर हैं। आदिवासी वर्ग के मतदाता 3 भाग में बंटे हुए हैं। पहले नंबर पर गोंड समाज, दूसरे पर कंवर और तीसरे पर उरांव समाज आता है।
बीजेपी क्यों है मजबूत ?
हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने भारी बहुमत के साथ जीत हासिल की है। सरगुजा लोकसभा क्षेत्र की सभी 8 सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की है। मोदी के कामों और उनकी उपलब्धियों के चलते क्रेडिट मिल सकता है।
बीजेपी की कमजोरी
विधानसभा चुनाव 2023 तक कांग्रेस में राजनीति करने वाले चिंतामणी पर बीजेपी ने भरोसा जताया है। ऐसे में कई सालों से काम कर रहे बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं में निराशा है। बीजेपी को भीतरघात का खतरा हो सकता है।
2004 से बीजेपी का कब्जा
बता दें कि वर्ष 2000 में मध्य प्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ राज्य बना है। तभी सरगुजा सीट पर बीजेपी का कब्जा रहा है। इससे पहले कांग्रेस यहां से चुनाव जीतती थी। बता दें कि 2019 में रेणुका सिंह सांसद चुनी गई। वहीं राज्य के निर्माण के बाद की बात करें तो 2004 से यहां कांग्रेस कभी चुनाव नहीं जीत पाई है। लगातार बीजेपी के प्रत्याशी ही विजेता हैं। 2004 में नंदकुमार साय, 2009 में मुरारीलाल सिंह, 2014 में कमलभान सिंह और 2019 में रेणुका सिंह यहां से सांसद बनीं। राज्य निर्माण के पहले 2004 के चुनाव तक कांग्रेस के खेल साय सिंह यहां से 3 बार सांसद रहे हैं।
कांग्रेस क्यों है मजबूत ?
सरगुजा लोकसभा सीट पर इस बार युवा मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है। युवा वोटरों को साधने कांग्रेस ने शशि को मौका दिया है। पिछली कांग्रेस की सरकार ने सरगुजा सीट पर विकास कार्य किए हैं। जिसका फायदा कांग्रेस लेना चाहती है।
कांग्रेस की कमजोरी
सरगुजा लोकसभा क्षेत्र में 8 विधानसभा सीटें आती हैं। इन सभी सीटों पर बीजेपी ने 2023 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की है। कांग्रेस यहां बुरी तरह से हारी है। देश में मोदी की लहर और क्षेत्र में धर्म की राजनीति का मुद्दा हावी होने से नुकसान हो सकता है।
सरगुजा सीट में 18 लाख मतदाता
बता दें कि लोकसभा क्षेत्र सरगुजा में कुल 1802941 मतदाता हैं, जिसमें 171229 युवा वोटर हैं। 18 से 19 आयुवर्ग के 20078 और 20 से 29 आयुवर्ग के कुल 151151 मतदाता शामिल है। इस बार प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला यही मतदाता करेंगे।