नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान दिवस के अवसर पर कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए कहा कि जो राजनीतिक दल अपना लोकतांत्रिक चरित्र खो चुके हैं, वह लोकतंत्र की रक्षा नहीं कर सकते हैं। संसद के केंद्रीय कक्ष में संविधान दिवस पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने पारिवारिक पार्टियों को संविधान के प्रति समर्पित राजनीतिक दलों के लिए चिंता का विषय बताया।
उन्होंने कहा, ‘‘देश में एक संवैधानिक लोकतांत्रिक परंपरा है और इसमें राजनीतिक दलों का अपना एक महत्व है। राजनीतिक दल भी हमारे संविधान की भावनाओं को जन-जन तक पहुंचाने का एक प्रमुख माध्यम हैं, लेकिन संविधान की भावना को चोट तब पहुंचती है, जब राजनीतिक दल अपना लोकतांत्रिक चरित्र खो देते हैं।’’
Addressing the programme to mark Constitution Day in Central Hall. https://t.co/xmMbNn6zPV
— Narendra Modi (@narendramodi) November 26, 2021
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जो दल स्वयं लोकतांत्रिक चरित्र खो चुके हो, वह लोकतंत्र की रक्षा कैसे कर सकते हैं? उन्होंने कहा, ‘‘कश्मीर से कन्याकुमारी तक हिंदुस्तान के हर कोने में जाइए…आज भारत एक ऐसे संकट की तरफ बढ़ रहा है जो संविधान के समर्पित लोगों के लिए चिंता का विषय है। लोकतंत्र के प्रति आस्था रखने वालों के लिए चिंता का विषय है और वह है पारिवारिक पार्टियां।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी फॉर द फैमिली… पार्टी बाय द फैमिली… अब आगे कहने की जरूरत नहीं लगती है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि यह लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है। अपने संबोधन की शुरुआत में प्रधानमंत्री ने संविधान निर्माताओं को श्रद्धांजलि दी स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया। प्रधानमंत्री ने मुंबई आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि हमारे लिए 26/11 दुखद दिन, क्योंकि इस दिन देश के दुश्मनों ने मुंबई में आतंकवादी हमले को अंजाम दिया था। मोदी ने 26/11 को मुंबई में हुए आतंकवादी हमले के दौरान देश की रक्षा करते हुए प्राण न्यौछावर करने वाले सुरक्षा कर्मियों को श्रद्धांजलि दी।
कार्यक्रम की शुरुआत संसदीय कार्य मंत्री जोशी के स्वागत भाषण से हुई और उसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि संविधान एक भावना है, जो हमें जोड़ने की ताकत देती है और जनता की आकांक्षाओं और उम्मीदों को पूर्ण करने का मार्ग दिखाता है। ज्ञात हो कि संविधान दिवस 26 नवंबर को मनाया जाता है क्योंकि 1949 में इसी दिन