नदियों के किनारे वोटों की खेती कर रही कांग्रेस

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भोपाल. कांग्रेस पहले मां नर्मदा के सहारे विधानसभा चुनाव और अब चंबल—सिंध के सहारे उपचुनाव जीतने के भरोसे है। विधानसभा चुनाव से पहले जिस तरह पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने नर्मदा परिक्रमा की थी, उसी तर्ज पर उपचुनाव से पहले पूर्व मंत्री डॉ गोविंद सिंह चंबल—सिंध नदी की यात्रा पर निकल पडे हैं। कांग्रेस के रणनीतिकार मान रहे हैं कि नदियों की बात परिक्रमा उन्हें उपचुनाव में विजय दिलाने में बडी भूमिका निभा सकती है।
दिग्गी राजा की नर्मदा यात्रा से दिखी राह
उपचुनाव में चंबल क्षेत्र में दबदबा कायम करने के लिए जहां भाजपा कोई कोर—कसर नहीं छोडना चाह रही, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस भी जीत के लिए सभी संभावित तरीके आजमाने का प्रयास कर रही है। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की नर्मदा परिक्रमा यात्रा की थी। उनकी इस यात्रा का विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत में बडा योगदान माना गया था। इसी से प्रभावित होकर डॉ गोविंद सिंह नदी बचाओ यात्रा शुरू कर चुके हैं।
इन विधानसभा सीटों पर असर डाल सकती यात्रा
हालांकि दिग्गी राजा की यात्रा 3300 किलोमीटर लंबी थी, जो कई महीने चली। इस दौरान श्री सिंह ने जनता की नब्ज टटोली और चुनावी फीडबैक लेकर रणनीति तैयार कराई। माना जाता है कि दिग्विजय सिंह की नर्मदा परिक्रमा यात्रा का कांग्रेसी उम्मीदवारों को जिताने में खास योगदान रहा। डॉ. गोविंद सिंह की नदी बचाओ यात्रा चंबल और सिंध नदियों के क्षेत्र से गुजरेगी, जो भिंड, लहार, मेहगांव, अटेर और गोहद विधानसभा क्षेत्रों में प्रभाव छोड सकती है।