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White Papers: वित्त मंत्री ने लोकसभा में अर्थव्यवस्था पर ‘श्वेत पत्र’ पेश किया

White Papers : दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को भारतीय अर्थव्यवस्था पर एक ‘श्वेत पत्र’ लोकसभा में पेश किया।

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Kalpana Madhu
White Papers: वित्त मंत्री ने लोकसभा में अर्थव्यवस्था पर ‘श्वेत पत्र’ पेश किया

हाइलाइट्स

  • 10 साल के प्रदर्शन पर खींचतान
  • न तो शून्यकाल होगा और न ही प्रश्नकाल
  • काम का दिया जाएगा लेखा-जोखा
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 White Papers : दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को भारतीय अर्थव्यवस्था पर एक ‘श्वेत पत्र’ लोकसभा में पेश किया। उन्होंने पिछले 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करते हुए अपने भाषण में कहा था कि यूपीए सरकार के 10 वर्षों के कार्यकाल (2004-14) में हुए ‘आर्थिक कुप्रबंधन’ पर ‘श्वेत पत्र’ जारी किया जाएगा। सीतारमण ने गुरुवार को ‘श्वेत पत्र’ सदन में रखा। उन्होंने कहा, ‘‘मैं भारतीय अर्थव्यवस्था पर ‘श्वेत पत्र’ हिंदी और अंग्रेजी संस्करण में पेश करती हूं।’’

आठ फरवरी (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को भारतीय अर्थव्यवस्था पर एक ‘श्वेत पत्र’ संसद में पेश किया। श्वेत पत्र में कहा गया है कि एनडीए सरकार ने यूपीए सरकार से विरासत में मिली चुनौतियों पर पिछले 10 वर्षों में सफलतापूर्वक काबू पाया है। साथ ही भारत को उच्च वृद्धि के रास्ते पर लाने के लिए ‘कड़े फैसले’ किए हैं।

   भारतीय अर्थव्यवस्था पर श्वेत पत्र पेश

कुल 59 पृष्ठ के ‘भारतीय अर्थव्यवस्था पर श्वेत पत्र’ में कहा गया है कि जब 2014 में नरेन्द्र मोदी सरकार ने सत्ता संभाली, तो अर्थव्यवस्था नाजुक स्थिति में थी, सार्वजनिक वित्त खराब स्थिति में था। साथ ही आर्थिक कुप्रबंधन, वित्तीय अनुशासनहीनता और व्यापक भ्रष्टाचार का बोलबाला था। सीतारमण द्वारा लोकसभा में पेश किए गए दस्तावेज में कहा गया है, ‘‘यह एक संकटपूर्ण स्थिति थी।

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   2014 में कमजोर अर्थव्यवस्था थी

अर्थव्यवस्था को चरण दर चरण सुधारने और शासन प्रणालियों को व्यवस्थित करने की जिम्मेदारी बहुत बड़ी थी।’’ श्वेत पत्र के मुताबिक, यूपीए सरकार आर्थिक गतिविधियों को सुचारू रूप देने में बुरी तरह विफल रही। इसके बजाय यूपीए सरकार ने बाधाएं पैदा कीं, जिससे अर्थव्यवस्था पीछे रह गई। इस दस्तावेज में साथ ही यह भी कहा गया कि 2014 में एनडीए सरकार को विरासत में बेहद कमजोर अर्थव्यवस्था मिली थी।

   आर्थिक बेहतरी के लिए काम

श्वेत पत्र में कहा गया कि मोदी सरकार ने व्यापक आर्थिक बेहतरी के लिए कठोर निर्णय लेने की जरूरत को समझा। इसके मुताबिक, ‘‘हमारी सरकार ने अपनी पिछली सरकार के विपरीत एक मजबूत ढांचा बनाने के साथ ही अर्थव्यवस्था की नींव में निवेश किया।’’

श्वेत पत्र में कहा गया, ‘‘पिछले दस वर्षों के कामकाज को देखते हुए, हम विनम्रता और संतुष्टि के साथ कह सकते हैं कि हमने पिछली सरकार द्वारा छोड़ी गईं चुनौतियों पर सफलतापूर्वक काबू पा लिया है।’’ श्वेत पत्र में मौजूदा दौर को कर्तव्य काल बताते हुए कहा गया कि अभी मीलों चलना है और 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है।

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https://twitter.com/i/status/1755462061172166666

   'श्वेत पत्र' पेश करने की योजना

सूत्रों की मानें तो सरकार 2014 से पहले और उसके बाद भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति की तुलना करते हुए एक 'श्वेत पत्र' पेश करने की योजना बना रही है। बजट सत्र की शुरुआत 31 जनवरी को दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ हुई थी।

पहले इसे नौ फरवरी को समाप्त होना था। इस बार आम चुनाव होने के कारण सरकार ने एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश किया था। यह सत्रहवीं लोकसभा का संभवत: अंतिम सत्र है।

   UPA सरकार के 10 सालों के आर्थिक कुप्रबंधन पर ‘श्वेत पत्र’ लाने की तैयारी

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वहीं, संसद के मौजूदा बजट सत्र को एक दिन बढ़ाकर 10 फरवरी तक किया जा रहा है। यह जानकारी संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने दी। सूत्रों ने बताया कि सरकार 2014 से पहले और बाद में भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति की तुलना करते हुए एक ‘श्वेत पत्र’ पेश करने की योजना बना रही है।

सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार UPA सरकार के 10 सालों के आर्थिक कुप्रबंधन पर एक ‘श्वेत पत्र’ लाने वाली है इसलिए बजट सत्र को एक दिन के लिए बढ़ाया गया है।

   UPA सरकार के 10 सालों के आर्थिक कुप्रबंधन पर ‘श्वेत पत्र’ लाने की तैयारी

वहीं, संसद के मौजूदा बजट सत्र को एक दिन बढ़ाकर 10 फरवरी तक किया जा रहा है। यह जानकारी संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने दी। सूत्रों ने बताया कि सरकार 2014 से पहले और बाद में भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति की तुलना करते हुए एक ‘श्वेत पत्र’ पेश करने की योजना बना रही है।

सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार UPA सरकार के 10 सालों के आर्थिक कुप्रबंधन पर एक ‘श्वेत पत्र’ लाने वाली है इसलिए बजट सत्र को एक दिन के लिए बढ़ाया गया है।

   सीतारमण ने कांग्रेस पर कसा था तंज

बता दें कि संसद में अंतरिम बजट 2024-25 पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि 2014 में सत्ता संभालने वाली मोदी सरकार ने उन वर्षों के संकट को पार कर लिया है, जहां कांग्रेस छोड़ कर गई थी। उन्होंने कहा कि अब अर्थव्यवस्था तेजी से विकास करने के पथ पर मजबूती से खड़ी है।

उन्होंने घोषणा की थी कि सरकार सदन के पटल पर एक श्वेत पत्र रखेगी, तो यह दिखाएगी कि हम 2014 तक कहां थे और अब कहां हैं, इसका एकमात्र उद्देश्य उन वर्षों के कुप्रबंधन को दिखाना है।

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