Congress शुरू हुआ सियासी सफर, अब Modi Cabinet में मंत्री, जानिए Jyotiraditya Scindia की खास बातें!
मध्यप्रदेश की सियासत में अगर किसी राजघराने का सबसे ज्यादा प्रभाव रहा है तो वह ग्वालियर रियासत के सिंधिया खानदान का…. आज भी इस राजघराने के वंशजों को महाराज कहा जाता है…. आज इसी राजघराने के एक वंशज का जन्मदिन है…. ग्वालियर के महाराज और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया आज 55 साल के हो गए हैं… भारतीय राजनीति में ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके परिवार की एक अलग पहचान रही है… अपने पिता माधवराव सिंधिया के निधन के बाद वह राजनीति में उतरे और 2002 में पहली बार सांसद चुने गए थे…. राजनीति में 23 साल का सफर पूरा कर चुके सिंधिया ने सियासत में कई उतार-चढ़ाव देखे… साल 2020 में अपने राजनीतिक जीवन का सबसे बड़ा फैसला लेते हुए उन्होंने कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थामा….उनके बीजेपी में आने से मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिर गई जिसके बाद सिंधिया देश की राजनीति में एक बड़ा पॉवर सेंटर बनकर उभरे….मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल और इस कार्यकाल में भी उन्हें अहम जिम्मेदारी सौपी गई.. मध्यप्रदेश की नई सरकार में भी सिंधिया समर्थक नेताओं का जलवा कायम रहा… कभी राहुल गांधी के करीबी रहे सिंधिया आज देश में बीजेपी का बड़ा चेहरा है… पीएम मोदी और अमित शाह से उनकी नजदीकियां कई मौके पर सामने आती रही है… सिंधिया परिवार का सबसे मजबूत गढ़ मानी जाने वाली मध्य प्रदेश की गुना लोकसभा सीट पर ज्योतिरादित्य सिंधिया को 2019 के लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन पांच साल बाद ही सिंधिया ने बीजेपी के टिकट पर 2024 में गुना सीट पर 5 लाख से भी ज्यादा वोटों से जीत हासिल की और एक बार फिर संसद की सीढ़ियां चढ़े.. ज्योतिरादित्य सिंधिया अब तक पांच बार लोकसभा और एक बार राज्यसभा सांसद चुने जा चुके हैं. यूं तो सिंधिया परिवार का दबदबा भारतीय राजनीति में हमेशा दिखा है, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया इस परिवार के ऐसे शख्स हैं जिनका रुतबा देश की दो बड़ी पार्टी बीजेपी और कांग्रेस में एक जैसा दिखता है.