Congress President Election : कांग्रेस अध्यक्ष पद की जंग में अब गांधी परिवार के सबसे भरोसेमंद मल्लिकार्जुन खड़गे उतर गए है। खगड़े को देख दिग्विजय सिंह ने अपने हाथ खींच लिए। और खड़गे के प्रस्तावक बन गए है। खड़गे का अचानक खुल के आना यानि गांधी परिवार की च्वॉइस है। वहीं दिग्विजय सिंह ने कहा कि वे खड़गे के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ सकते। दिग्विजय सिंह ने कहा, मैंने पूरी जिंदगी कांग्रेस के लिए काम किया है और आगे भी करता रहूंगा। मैंने कभी भी तीन चीजों से समझौता नहीं किया दलितों, आदिवासी और गरीबों के लिए खड़ा होना, सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वालों के खिलाफ आवाज उठाना और नेहरू-गांधी परिवार के प्रति समर्पण।
दिग्विजय ने कहा, खड़गे जी मेरे सीनियर हैं। मैं कल उनके आवास पर गया था और कहा कि अगर वह कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन कर रहे हैं तो मैं नहीं करूंगा। तब उन्होंने कहा कि वो नामांकन नहीं कर रहे हैं। इसके बाद मुझे मीडिया से मालूम चला कि वह इस पद के उम्मीदवार हैं। मैंने उनसे कहा कि मैं उनके साथ खड़ा हूं और खिलाफ चुनाव लड़ने की सोच भी नहीं सकता। मैं उनका प्रस्तावक बनूंगा।
कौन है खड़गे?
मल्लिकार्जुन खड़गे साफ छवि वाले कांग्रेस के कद्दावर नेता हैं। वह गांधी परिवार के बेहद करीबी हैं। खड़गे दलित समाज से आते है, उनके विपक्ष के नेताओं से भी अच्छे संबंध है। अगर खड़गे अध्यक्ष बनते है तो एक सवाल यह उठता है कि क्या वह राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ेंगे क्योंकि कांग्रेस में एक व्यक्ति-एक पद का सिद्धांत है। इससे पहले सीएम अशोक गहलोत को भी मुख्यमंत्री पद छोड़ने के लिए कहा गया था।
बात दें कि कांग्रेस में अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए प्रक्रिया शुरू होने के बाद अशोक गहलोत के नाम की चर्चा जोरों पर थी। हालांकि राजस्थान में सियासी उठापटक के बाद गहलोत का नाम बाहर हो गया। इसके बाद दिग्विजय सिंह ने अपना नाम उछाला और बीते गुरुवार को कहा कि वह नामांकन दाखिल करेंगे। इसके बाद 24 घंटे के भीतर तस्वीर बदल गई। खड़गे का नाम आने के बाद उन्होंने अपनी दावेदारी वापस ले ली। कुल मिलाकर खड़गे खिलाड़ी बन गए है। तो वही दिग्विजय सिंह अनाड़ी रह गए।