MP News: मध्य प्रदेश में पिछड़ा वर्ग (OBC) के छात्रों और युवाओं को मिलने वाली स्कॉलरशिप (OBC Scholarship Update) से जुड़े एक विवाद को लेकर सरकार ने जांच कमेटी बनाई है. दरअसल प्रदेश में एससी-एसटी से ओबीसी को कम स्कालरशिप दिए जाने को लेकर एक माह से प्रशासनिक खींचतान चल रही थी. अब इस मामले सीएम मोहन यादव ने मंत्रियों की एक कमेटी गठित कर मामले को सुलझाने के लिए निर्देश दिए हैं.
मंत्री और अफसर कमेटी में शामिल
सरकार के मंत्री और कुछ अफसरों को कमेटी में शामिल किया गया है. जांच के बाद कमेटी इस मामले में रिपोर्ट पेश करेगी. इसके बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के रिपोर्ट के आधार पर कमेटी के प्रस्ताव पर अंतिम फैसला करेंगे.
क्या है मामला
दरअसल पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की मंत्री कृष्णा गौर ने मुख्यमंत्री के समक्ष यह बात रखी थी. उनका कहना था कि ओबीसी और एससी-एसटी के बच्चों की स्कालरशिप में अंतर है. जिसका असर ओबीसी स्टूडेंट्स पर पड़ता है. जिले से या एमपी से बाहर रहने वाले ओबीसी स्टूडेंट्स को भी किराया और स्कालरशिप की राशि एससी-एसटी के बराबर होनी चाहिए. सरकार इस पर फैसला नहीं कर पा रही है.
ये मंत्री कमेटी में शामिल
भुगतान में देरी और राशि में असमानता को लेकर एमपी सरकार ने 7 मंत्रियों की कमेटी बनाई है. कमेटी 1 सप्ताह में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी. इस कमेटी के अध्यक्ष जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह बनाए गए हैं. कमेटी छात्रवृत्ति की राशि एक समान दिए जाने की सिफारिश की करेगी और साथ ही छात्रवृत्ति व्यवस्था नियमों के सरलीकरण को लेकर भी कमेटी द्वारा सुझाव दिए जाएंगे.
कमेटी के अन्य सदस्य अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री नागर सिंह चौहान, स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह, उच्च तथा तकनीकी शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार, राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार पिछड़ा वर्ग और अल्प संख्यक कल्याण कृष्णा गौर तथा राज्यमंत्री चिकित्सा शिक्षा विभाग नरेंद्र शिवाजी पटेल हैं.
ये अधिकारी भी कमेटी के साथ करेंगे जांच
अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग मो. सुलेमान, एससीएस पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, प्रमुख सचिव अनुसूचित जाति कल्याण, सचिव स्कूल शिक्षा विभाग, सचिव तकनीकी शिक्षा विभाग, प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य विभाग को भी कमेटी में शामिल किया गया है.