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MP State Information Commission: राज्य सूचना आयोग की सुध लेना ही भूल गई सरकार, इस तारीख से सुनवाई हो जाएगी बंद!

MP State Information Commission: एक मुख्य सूचना आयुक्त और एक सूचना आयुक्त के भरोसे आयोग, इनका कार्यकाल भी मार्च 2024 में खत्म हो रहा है।

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Rahul Sharma
MP State Information Commission: राज्य सूचना आयोग की सुध लेना ही भूल गई सरकार, इस तारीख से सुनवाई हो जाएगी बंद!

   हाइलाइट्स

  • एक मुख्य और एक सूचना आयुक्त के भरोसे है आयोग
  • इसी महीने इनका भी कार्यकाल हो रहा है खत्म
  • एक मुख्य और दस सूचना आयुक्त के हैं आयोग में पद
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MP State Information Commission: आम आदमी के लिए सूचना मांगने का सबसे मजबूत हथियार RTI की धार अब मध्य प्रदेश में कमजोर होने वाली है।

सरकार आयोग की सुध लेना ही भूल गई और इधर सूचना आयुक्त-मुख्य सूचना आयुक्त का कार्यकाल ही समाप्त होने को है।

समय पर सरकार यदि इनकी नियुक्ति (Appointment of State Information Commissioner) नहीं करती है तो सूचना आयोग के जरिए मिल रही सूचनाएं मिलना ही बंद हो जाएगी।

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   10 हजार शिकायतें पेंडिंग

जानकारी के अनुसार राज्य सूचना आयोग (MP State Information Commission) में करीब 10 हजार शिकायतें पेंडिंग है।

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इन शिकायतों के निराकरण के लिए वर्तमान में एक मुख्य सूचना आयुक्त और एक सूचना आयुक्त की ही पोस्टिंग है।

   मार्च 2019 में अंतिम बार हुई थी नियुक्ति

राज्य सूचना आयोग (MP State Information Commission) में एक मुख्य सूचना आयुक्त सहित 10 सूचना आयुक्त के पद हैं। अंतिम बार मार्च 2019 में यहां सूचना आयुक्त की नियुक्ति हुई।

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उनमें मार्च में कार्यकाल खत्म हो रहे सूचना आयुक्त राहुल सिंह भी शामिल हैं। उस समय तीन सूचना आयुक्त की नियुक्ति हुई थी।

   आचार संहिता से पहले खानापूर्ति का प्रयास

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से ठीक पहले 9 अक्टूबर 2023 को सुबह 9 बजे सूचना आयुक्त की नियुक्ति को लेकर बैठक बुलाई गई।

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आनन फानन में बुलाई गई इस बैठक पर तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने सवाल उठाए। उन्होंने बैठक में जाने से मना तो किया ही साथ ही कोर्ट जाने की धमकी तक दे डाली।

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जिसके बाद बैठक को निरस्त कर दिया गया और उसके बाद बैठक बुलाई ही नहीं गई।

   इस तारीख को कार्यकाल हो रहा खत्म

मुख्य सूचना आयुक्त एके शुक्ला और सूचना आयुक्त राहुल सिंह का कार्यकाल इसी महीने की अंतिम तारीख यानी 30 मार्च को खत्म हो रहा है।

इससे पहले यदि सरकार नियुक्ति नहीं करती है तो राज्य सूचना आयोग (MP State Information Commission) में सुनवाई के लिए कोई बचेगा ही नहीं।

   साढ़े 19 साल में पहली बार बनी ये स्थिति

सूचना के अधिकार अधिनियम (Action Under RTI Act) के तहत मध्य प्रदेश में राज्य सूचना आयोग (MP State Information Commission) का गठन राज्य सरकार की अधिसूचना क्रमांक एफ-11-11/05/1/9 दिनांक 22 अगस्त, 2005 द्वारा किया गया।

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साढ़े 19 साल में पहली बार ये स्थिति बनी है जब आयोग पूरी तरह से खाली होने वाला है। अक्टूबर 2023 से यहां सिर्फ एकमात्र सूचना आयुक्त राहुल सिंह ही हैं।

   इस तरह खराब होती गई स्थिति

मार्च 2019 में एक मुख्य सूचना आयुक्त समेत 9 सूचना आयुक्त हो गए थे। यही कारण है कि इसके बाद राज्य सूचना आयोग (MP State Information Commission) में पेंडिंग शिकायतों की संख्या 15 हजार से घटकर 6 हजार तक आ गई थी।

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हालांकि उसके बाद जिस सूचना आयुक्त का कार्यकाल खत्म हुआ उसके बाद उनकी जगह पर कोई नियुक्ति ही नहीं हुई।

अब हालात ये है कि सुनवाई के लिए मुख्य सूचना आयुक्त सहित सिर्फ एक सूचना आयुक्त ही हैं। उनका भी मार्च में कार्यकाल खत्म हो रहा है।

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   सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना

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सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने बताया कि सूचना आयोग में आयुक्त की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट आदेश हैं कि वर्तमान आयुक्त के कार्यकाल खत्म होने से पहले ही नए आयुक्तों की नियुक्ति हो जाए, ताकि कामकाज प्रभावित न हो। यदि ऐसा नहीं होता है तो यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना होगी।

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   तो क्या सूचना आयोग को नहीं की जा सकेगी शिकायत

ऐसा नहीं है, आरटीआई के तहत यदि जानकारी नहीं मिल रही है तो द्वितीय अपील के अंतर्गत पहले ही तरह आप राज्य सूचना आयोग (MP State Information Commission) में अपील कर सकते हैं।

बस इसकी सुनवाई के लिए कोई नहीं होगा। ऐसे में आयोग में पेंडिंग शिकायतों की संख्या बढ़ती जाएगी। कई अधिकारी जान बूझकर आरटीआई में शिकायतें नहीं देते हैं, ऐसे अधिकारी और भी निरंकुश हो जाएंगे।

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