Minister Vijay Shah Controversy: मैं सोफिया बहन से 10 बार माफी मांगता हूं… भारतीय सेना कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर अमर्यादित टिप्पणी बयान देने वाले मंत्री विजय शाह अब 10 बार माफी मांग रहे हैं, अपने बयान पर चौतरफा घिरने के बाद मंत्री शाह डैमेज कंट्रोल के लिए भले ही माफी मांग रहे हो, लेकिन उन्होंने इस तरह की गलती पहली बार नहीं की है, खंडवा की हरसूद विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक विजय शाह बिगड़े बोलों की वजह से पहले भी कई बार फंस चुके हैं, चलिए आपको बताते हैं कि, इससे पहले कब-कब विजय शाह विवादों में फंसे हैं…
कई बार विवादों में फंस चुके हैं विजय शाह
विजय शाह साल 1998 में पहली बार हरसूद विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंचे थे, इसके बाद वो लगातार सात चुनाव जीत चुके हैं, आदिवासी नेता होने की वजह से उन्हें बाबूलाल गौर, शिवराज और मोहन सरकार में मंत्रीपद भी मिला है। इतनी बड़ी जिम्मेदारियों संभालने के बावजूद वो अपने कामकाज से ज्यादा विवादित बयानों के चलते सुर्खियों में रहे हैं। वे अपने बिगड़े बोलों के कारण कई बार फंस चुके हैं। बिगड़े बोल के कारण एक बार वे अपना मंत्रीपद भी गंवा चुके है।
विरोध प्रदर्शन में थाना प्रभारी को मारा था थप्पड़
मंत्री विजय शाह से जुड़ा पहला मामला साल 1998 का ही है, अपना पहला चुनाव जीतने के बाद विजय शाह ने खंडवा में पुलिस हिरासत में एक ढोलक बजाने वाले युवक की मौत का मुद्दा उठाया। तब सत्ता में कांग्रेस की सरकार थी, इस विरोध प्रदर्शन के दौरान शाह ने टीआई को थप्पड़ मार दिया था, इसके बाद पुलिसकर्मियों ने विजय शाह की डंडों से पिटाई की थी, इस पिटाई से उनका पैर तक फ्रैक्चर हो गया था।
शिवराज सिंह के परिजन पर डबल मिनिंग टिप्पणी
मध्य प्रदेश की राजनीति में हलचल मचाने वाला विजय शाह एक बयान साल 2013 में आया था, जहां विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के परिजनों को लेकर अमर्यादित टिप्पणी की थी, उस वक्त वह शिवराज सरकार की कैबिनेट में मंत्री भी थे, उन्होंने शिवराज के परिजनों पर डबल मिनिंग टिप्पणी कर दी थी, जिसके बाद उन्हें मंत्री पद से तक इस्तीफा देना पड़ा था, हालांकि, कुछ ही समय बाद उन्हें वापस मंत्रीपद दे दिया गया था।
विद्या बालन की फिल्म की शूटिंग पर लगाई थी रोक
विजय शाह के चर्चे सिर्फ मध्य प्रदेश की सियासत ही नहीं, बल्कि मुंबई की मायानगरी में भी मशहूर है, साल 2020 में विजय शाह तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की कैबिनेट में वन मंत्री थे, उस दौरान अभिनेत्री विद्या बालन की फिल्म ‘शेरनी’ की शूटिंग भी मध्य प्रदेश के जंगलों में हो रही थी, उस वक्त उन्होंने विद्या बालन को डिनर के लिए बुलाया था, जिसके बाद विद्या बालन ने डिनर पर जाने के लिए इंकार कर दिया था। इस बात पर भड़के विजय शाह ने उनकी शूटिंग रुकवा दी थी, उन्होंने फिल्म की प्रोडक्शन टीम की गाड़ी को कथित तौर पर जंगल में जाने भी से रोक दिया था।
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हाईकोर्ट ने दिए केस दर्ज करने का आदेश
इसके अलावा विजय शाह पर विधानसभा चुनाव के समय अपने प्रतिद्वंदी उम्मीदवारों को धमकाने के आरोप भी लगते रहे हैं। फिलहाल, ऑपरेशन सिंदूर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली भारतीय सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित टिप्पणी को लेकर बवाल मचा हुआ है। अब मामला हाईकोर्ट पहुंचा है. जहां अदालत ने मामले में सख्ती दिखाते हुए कड़ी आलोचना की और मंत्री विजय शाह के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज करने के आदेश दिए है।
इन्हें मिली बिगड़े बोल की सजा
अब तक कितने नेताओं पर उनके विवादित बोल की वजह से कार्रवाई की गई है…
1. आजम खान (समाजवादी पार्टी)
- विवाद- 2019 में मोदी और योगी के खिलाफ भड़काऊ भाषण
- परिणाम- 3 साल की सजा, 25 हजार जुर्माना, विधानसभा सदस्यता रद्द
2. अश्विनी कुमार (कांग्रेस)
- विवाद- 2013 में कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले की CBI जांच रिपोर्ट में हस्तक्षेप
- परिणाम- विवाद के बढ़ने पर कानून मंत्री पद से इस्तीफा दिया
3. साध्वी निरंजन ज्योति (बीजेपी)
- विवाद- 2014 में ‘हरामजादे बनाम रामजादे’ जैसा आपत्तिजनक बयान
- परिणाम- संसद में भारी हंगामा, पीएम मोदी ने खुद अफसोस जताया
4. अनंत कुमार हेगड़े (बीजेपी)
- विवाद- 2019 में गांधीजी के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान पर विवादास्पद बयान
- परिणाम- बयान के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया।
5. मणिशंकर अय्यर (कांग्रेस)
- विवाद- 2014 में उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को ‘नीच’ कहा था
- परिणाम- बयान के बाद कांग्रेस ने उन्हें निलंबित कर दिया।
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