हाइलाइट्स
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गाड़ी पर लिखवाया ‘लोकसेवक’
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विकास मिश्रा का एक और नवाचार
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नवाचारों की वजह से अक्सर सुर्खियों में रहते
MP News: डिंडौरी कलेक्टर विकास मिश्रा ने एक और नवाचार अपनाया है। उन्होंने अपनी गाड़ी पर कलेक्टर की जगह लोकसेवक लिखी प्लेट लगवाई है। मिश्रा ने कहा, ‘संविधान में कहीं भी कलेक्टर नाम का उल्लेख नहीं है। उसमें लोकसेवक लिखा हुआ है, इसलिए गाड़ी पर भी यही लिखवा लिया है।’
मंगलवार सुबह असंगठित मजदूरों के स्वास्थ्य परीक्षण और योजनाओं की जानकारी देने के लिए जिले में शिविर का आयोजन किया गया था। इसमें कलेक्टर विकास मिश्रा लोकसेवक लिखी गाड़ी में पहुंचे। सोमवार तक उनकी गाड़ी पर कलेक्टर लिखी प्लेट लगी थी।
इससे पहले भी कलेक्टर मिश्रा कई नवाचारों को लेकर सुर्खियों में रहे हैं। उन्होंने महिला मजदूरों के साथ ईंट भरा तसला उठाया था। वे जमीन पर बैठकर ग्रामीणों की समस्या सुन चुके हैं। कक्षा 9वीं के छात्र को एक दिन का कलेक्टर बनाने पर भी वे चर्चाओं में रहे थे।
महिलाओं के साथ उठाई थीं ईंट
कलेक्टर विकास मिश्रा 3 फरवरी को नगरीय क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 1 में निरीक्षण करने पहुंचे थे। यहां उन्होंने महिला मजदूरों को ईंट ढोते देखा। वे उनके पास पहुंचे और ईंटों से भरा तसला उठा लिया।
कलेक्टर ने महिला मजदूरों से सरकारी योजनाओं की जानकारी ली। महिलाओं के कहने पर उन्हें ठेकेदार के यहां काम भी दिलवाया।
महिला के हाथ में लिख दिया था नंबर
कलेक्टर (Dindori collector vikas mishra) का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था । कलेक्टर विकास मिश्रा लोगों की शिकायत सुनने बाहर निकले हुए थे। इस दौरान एक महिला अपनी शिकायत लेकर कलेक्टर के सामने पहुंची और कहा कि अधिकारी हमारा काम नहीं करते हैं।
इसके बाद कलेक्टर ने अपना मोबाइल नंबर महिला के हाथ पर लिख दिया था । महिला के पास खुद का फोन नहीं है। ऐसे में कलेक्टर ने महिला से कहा था कि अधिकारी अगर आपका काम नहीं करते हैं तो सीधे किसी से मोबाइल लेकर मुझे फोन करना।
बैगा महिला के पैर छूए थे
27 नवंबर 2023 को कलेक्टर मिश्रा पडरिया गांव पहुंचे थे। यहां उन्होंने जमीन पर बैठकर ग्रामीणों की समस्याओं को जाना। बैगा महिला बजरिया बाई ने अपनी समस्या बताते हुए उनके पैर छुए, तो कलेक्टर ने भी उनके पैर छू लिए थे ।
छात्र को बनाया था एक दिन का कलेक्टर
27 नवंबर 2023 को कलेक्टर मॉडल स्कूल पहुंचे थे। इस दौरान कक्षा 9 के छात्र रुद्रप्रताप झारिया से मिले। छात्र ने कलेक्टर बनने की इच्छा जाहिर की तो मिश्रा ने उसे एक दिन के लिए कलेक्टर की कुर्सी पर बैठने का न्योता दे दिया।
उन्होंने बकायदा रुद्रप्रताप को अपनी कुर्सी पर बैठाया और कार्यप्रणाली के बारे में समझाया।