Action On Schools In MP: जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने 11 प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है। प्राइवेट स्कूलों में मनमानी फीस वसूली और जबरन किताबों की खरीदी के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
9 थानों में स्कूल संचालकों के खिलाफ FIR दर्ज की गई हैं। स्कूल मालिकों सहित 80 लोगों को आरोपी बनाया गया है। इसमें से 21 की गिरफ्तारी हो चुकी है। मध्यप्रदेश में प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ ये अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है।
इतनी बड़ी कार्रवाई कैसे की गई, इसे लेकर बंसल न्यूज डिजिटल के एडिटर सुनील शुक्ला ने जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना से खास बातचीत की।
सवाल – इस कार्रवाई के पीछे क्या प्लानिंग थी, कैसे इसे अंजाम दिया ?
कलेक्टर दीपक सक्सेना – इसकी शुरुआत 1 अप्रैल को हुई थी। सीएम ने एक ट्वीट किया था जिसमें लिखा था कि निजी स्कूलों से कई शिकायतें आ रही हैं। फीस और पाठ्य पुस्तकों को लेकर अनाप-शनाप वसूली की जा रही है। राज्य शासन ने कलेक्टर्स को इस पर एक्शन लेने का निर्देश दिया। मेरे पहले से संज्ञान में था कि प्राइवेट स्कूलों की वजह से बच्चे परेशान होते हैं। ऐसी शिकायतें आती रहती हैं।
कलेक्टर दीपक सक्सेना ने कहा कि बच्चों के पेरेंट्स डरते हैं। उनको लगता है कि शिकायत करेंगे तो उनके बच्चों के करियर पर असर पड़ेगा। मैंने शिकायत करने के लिए अपना पर्सनल व्हाट्सएप नंबर जारी किया। पहले ही दिन 300 से ज्यादा शिकायतें आईं। तब समझ में आया कि मामला हम जैसा सोच रहे हैं, उससे ज्यादा गंभीर है। लोगों को भरोसा दिलाने की जरूरत है कि अगर वो शिकायत करेंगे तो उनके बच्चों का भविष्य सुरक्षित रहेगा।
‘सबसे ज्यादा दिक्कत किताबों की थी’
कलेक्टर दीपक सक्सेना ने कहा कि सबसे ज्यादा दिक्कत किताबों की थी। किताबें-कॉपियां ज्यादा महंगी मिल रही हैं। किसी व्यक्ति विशेष के यहां बेची जा रही है। सबसे पहला फैसला पुस्तक मेला लगाने का लिया गया। पब्लिक को भरोसा हो गया कि प्रशासन सीरियस है। गुप्त सूत्रों से पता चला कि कई किताबें फर्जी हैं। 10 अप्रैल से पुस्तक मेला लगाया, लेकिन उससे पहले 9 अप्रैल को 4-5 जगहों पर छापे मारे। 25 हजार से ज्यादा फर्जी किताबें जब्त की गईं।
सवाल – फर्जी किताबें कैसे पहचानें, ISBN नंबर क्या होता है ?
कलेक्टर दीपक सक्सेना – आप कोई भी किताब देखेंगे तो उसमें पीछे ISBN नंबर होता है। एक ऑनलाइन पोर्टल है उसमें ISBN नंबर डालेंगे तो किताब से जुड़ी हर जानकारी मिलेगी। अगर ISBN नंबर सही है तो किताब अथेंटिक है। अगर ISBN फर्जी है तो इसके मायने ये हैं कि वो किताब आपको ओपन मार्केट में नहीं मिलेगी। वो किताब उसी व्यक्ति के पास मिलेगी जिसने वो फर्जी ISBN नंबर डाला है। इसमें फर्जी MRP डाली जाती है। सारा पैसा कमीशन में जाता है।
‘बच्चों के स्कूल बैग का वजन दोगुना’
कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बताया कि किताबों से कमीशनखोरी करने के लिए एक स्कूल के बैग में जरूरत से ज्यादा किताबें बढ़ाई जाती हैं। सरकार ने हर क्लास के बैग के वजन की लिमिट तय की है। जब हमने इसकी जांच की तो बच्चों के बैग का वजन निर्धारित सीमा से दोगुना है। मोटे तौर पर दोगुना है। अगर सरकार ने स्कूल बैग का वजन 5 किलो निर्धारित किया है और मौके पर उसे नापा गया तो वो 10 किलो निकला। ये 5 किलो वजन किताबों से बढ़ाया है। इस वजन की कॉस्ट अभिभावकों ने दी है।
‘जबलपुर के 11 स्कूलों की जांच’
कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बताया कि जब जबलपुर के 11 स्कूलों की जांच की तो कुल मिलाकर स्कूल बैग का वजन 445 शासन ने निर्धारित किया है। मौके पर जांच में 993 किलो वजन मिला। एक-एक किताब के साथ जब हिसाब लगाया तो एक्सट्रा कॉस्ट 3 करोड़ 98 लाख रुपए निकली।
हर साल क्यों बदलते हैं किताबें ?
कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बताया कि स्कूल हर साल किताबें बदल देते हैं। कमीशनखोरी के लिए हर साल किताबें बदली जाती हैं। अगर 2-3 साल एक ही किताब चलेगी तो किताब ओपन मार्केट में मिलने लगेगी। कमीशनखोरी की संभावना खत्म हो जाएगी। जबलपुर में किताबें बदलने का एवरेज रेशियो 1900 किताबों में से 1200 से ज्यादा किताबें नई लाई गई हैं। आप किताब क्यों चेंज कर रहे हैं। पुरानी किताब में क्या खामी थी, जिसकी वजह से आपने उसे हटा दिया। नई किताब में ऐसी क्या खूबी है जिसकी वजह से आपने उसे ले लिया। इन सवालों के बारे में स्कूल प्रशासन निरुत्तर है।
कमीशनखोरी का खेल !
कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बताया कि किताबों के जरिए कमीशनखोरी के 3 तरीके हैं। जरूरत से ज्यादा किताबों की संख्या बढ़ा दो। हर बार नई किताबें लेकर आ जाओ। अथेंटिक किताबों की जगह फर्जी ISBN नंबर वाली लोकल किताबों के जरिए कमीशनखोरी होती है। किताबों के जरिए अकेले जबलपुर जिले में 25 मार्च से लेकर 10 अप्रैल को बीच में 100 करोड़ से ज्यादा की कमीशनखोरी होती है। पूरे मध्यप्रदेश में ये आंकड़ा 3 हजार करोड़ को क्रॉस करता है।
1 अप्रैल 2024 को सीएम मोहन यादव ने दिए थे निर्देश
सवाल – फीस एक्ट होने के बाद भी स्कूल मनमानी फीस कैसे वसूल रहे हैं ?
कलेक्टर दीपक सक्सेना – जबलपुर में एक जिला शिक्षा अधिकारी है। उसके अंडर में 3-4 सहायक संचालक हैं। 8 BEO हैं। सरकारी स्कूल 1250 है। प्राइवेट स्कूल 1 हजार हैं। 1250 सरकारी स्कूलों का एडमिनिशट्रेशन छोड़कर बाकी CBSE स्कूलों की जांच करना बड़ा कठिन काम है। दूसरी बात ये है कि प्राइवेट स्कूलों का रसूख इतना बढ़ गया है कि हमारे छोटे शिक्षा अधिकारियों को स्कूलों में एंट्री नहीं करने देते। एक कमी हमारी भी है कि हमने उन्हें शक्ति नहीं दी। इस बार पहली बार ऐसा हुआ कि उच्च स्तर से कार्रवाई के निर्देश हुए। सभी 11 स्कूलों के अंदर शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने की है।
एक्ट के बाद भी कार्रवाई क्यों नहीं हुई ?
कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बताया कि 2017 से एक्ट बना है, लेकिन बीच में कार्रवाई इसलिए नहीं हुई कि लोगों के पास काम इतना ज्यादा है। लोग शिकायत भी ज्यादा नहीं कर रहे थे। एक-दो शिकायत आई होंगी, उन पर ध्यान नहीं दिया गया होगा, लेकिन जबलपुर में अब जो कार्रवाई हुई है उसकी धमक पूरे प्रदेश में गई है।
सवाल – फीस बढ़ाने और किताबों को लेकर पेरेंट्स को क्या सवाल करने चाहिए ?
कलेक्टर दीपक सक्सेना – पेरेंट्स को स्कूल से सवाल करने चाहिए। क्या आपने ऑडिट रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड कर दी है ? क्या आपने इस बात की जांच कर ली है कि आपका एनुअल रेसिप्ट की तुलना में सरप्लस 50% से कम है ? क्या आपने फीस वृद्धि की सूचना दे दी है ? क्या फीस वृद्धि के लिए राज्य शासन और कलेक्टर से आपको अनुमति मिल गई है ? अगर इन सवालों का जवाब नहीं है को स्कूल फीस नहीं बढ़ा सकते।
किताबों को लेकर करें ये सवाल
कलेक्टर दीपक सक्सेना ने कहा कि किताबों के बारे में पूछना चाहिए कि क्या आपने किताबों की लिस्ट 6 महीने पहले पब्लिश कर दी है ? क्या आपने पेरेंट्स को ये बता दिया है कि सारी किताबें ओपन मार्केट से खरीदी जा सकती हैं ? क्या आपने शपथ पत्र सबमिट कर दिया है कि हमने किताबों की लिस्ट पब्लिश कर दी है और पेरेंट्स को बता दिया है कि सारी किताबें ओपन मार्केट में मिल जाएंगी ? अगर पेरेंट्स और बच्चे ये सवाल पूछना सीख जाएं तो जल्द से जल्द कमीशनखोरी बंद हो जाएगी।
जबलपुर की इन स्कूलों में चल रहा था कमीशनखोरी का खेल
स्टेमफील्ड इंटरनेशनल स्कूल
क्राइस्ट चर्च डायसेशन, घमापुर
क्राइस्ट चर्च सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सिविल लाइन
क्राइस्ट चर्च, सालीवाड़ा
सेंट अलॉयसियस पोलीपाथर
सेंट अलॉयसियस सीनियर सेकेंड्री स्कूल, सदर
ज्ञान गंगा आर्किड इंटरनेशनल स्कूल
लिटिल वर्ल्ड स्कूल कटंगा एवं तिलवारा
क्राइस्ट चर्च फॉर बॉयज एंड गर्ल्स
श्री चैतन्य टेक्नो स्कूल, धनवंतरि नगर
सेंट अलॉयसियस स्कूल, रिमझा