CNG-PNG Price Drop News: भारत में घरेलू गैस उपभोक्ताओं और सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (CGD) कंपनियों के लिए सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है, जिससे लाखों आम लोगों की जेब पर बोझ कम होगा। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने घरेलू प्राकृतिक गैस आवंटन नीति में अहम बदलाव करते हुए तय किया है कि वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही से सीएनजी (ट्रांसपोर्ट) और पीएनजी (डोमेस्टिक) सेगमेंट के लिए दो-तिमाही अग्रिम आधार पर गैस आवंटन किया जाएगा। यानी अब CGD कंपनियों को पहले से ही सप्लाई का अनुमान होगा, जिससे योजना बनाना और आपूर्ति करना दोनों आसान हो जाएगा।
New Well Gas भी होगी शामिल
इस नई नीति के तहत अब ओएनजीसी (ONGC) और ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL) के नए गैस वेल्स से मिलने वाली “न्यू वेल गैस” (New Well Gas) को भी CGD सेक्टर के लिए घरेलू गैस आवंटन में शामिल किया गया है।
खास बात यह है कि इस गैस के लिए पहले जो नीलामी आधारित व्यवस्था थी, उसे खत्म कर दिया गया है और इसकी जगह तिमाही प्रो-राटा आवंटन प्रणाली लाई गई है। इससे समय पर और विश्वसनीय आपूर्ति सुनिश्चित होगी और CGD कंपनियों को अपने उपभोक्ताओं को गैस उपलब्ध कराने में और पारदर्शिता व स्थिरता मिलेगी।
क्रूड की कीमतों में गिरावट से और बढ़ेगी राहत
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि APM गैस और न्यू वेल गैस की कीमतें भारतीय क्रूड बास्केट से जुड़ी होती हैं, जिनका मासिक आधार पर पुनर्गणना किया जाता है। हाल हीं में कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट के चलते इन गैसों की कीमतों (CNG-PNG Price) में भी गिरावट आ सकती है, जिससे सीएनजी और पीएनजी दोनों ही उपभोक्ताओं को सीधे तौर पर फायदा मिलेगा। इससे ट्रांसपोर्टेशन सस्ता होगा और घरेलू बजट पर भी असर कम पड़ेगा।
CGD कंपनियों को मिलेगा बेहतर मैनेजमेंट का मौका
गेल (GAIL) और ओएनजीसी के पूर्वानुमानों की मदद से CGD कंपनियों को पहले से पता रहेगा कि उन्हें कितनी गैस मिलेगी, जिससे वे मांग और आपूर्ति की योजना पहले ही बना सकेंगी। इससे लॉजिस्टिक्स लागत कम होगी, वितरण में पारदर्शिता आएगी और गैस की बर्बादी भी रुकेगी। इन फैसलों से सरकार का मकसद साफ है- स्वच्छ ईंधन को ज्यादा लोगों तक पहुंचाना, शहरों की वायु गुणवत्ता सुधारना और ऊर्जा आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना।
पहले कम हुआ था APM गैस का आवंटन
हाल के महीनों में सरकार ने APM गैस का आवंटन CGD कंपनियों को लगभग 20% तक घटा दिया था, जिसकी वजह से इंड्राप्रस्थ गैस, महानगर गैस और अडानी टोटल गैस जैसी कंपनियों ने महंगी न्यू वेल गैस से इसकी भरपाई की।
इससे कीमतें बढ़ने की आशंका बनी हुई थी, लेकिन अब सरकार द्वारा दो-तिमाही एडवांस प्लानिंग, न्यू वेल गैस की प्रो-राटा आवंटन प्रणाली और क्रूड आधारित प्राइस कैलकुलेशन से कीमतें स्थिर और सस्ती रहने की उम्मीद है।
लाखों शहरी और अर्ध-शहरी उपभोक्ताओं को मिलेगा फायदा
सरकार के इन फैसलों का सीधा लाभ उन लाखों लोगों को मिलेगा जो सीएनजी गाड़ियों का इस्तेमाल करते हैं या घर में पीएनजी से खाना बनाते हैं। एक ओर जहां ट्रांसपोर्ट का खर्च घटेगा, वहीं घरों का मासिक गैस बिल भी किफायती रहेगा।
यह योजना खासकर मेट्रो शहरों और टियर-2/3 सिटीज़ में रहने वाले मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए किसी राहत पैकेज से कम नहीं है। इससे भारत की ऊर्जा नीति में स्थायित्व आएगा और “हर घर गैस, हर वाहन सीएनजी” की दिशा में एक मजबूत कदम साबित होगा।