Mahakumbh 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में शनिवार को सीएम आदित्यनाथ योगी ने अखिल भारतीय अवधूत भेष बारह पंथ-योगी महासभा कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि महाकुंभ हमारी संस्कृति का प्रतीक है, यह एकता को बढ़ावा देने वाला आध्यात्मिक आयोजन है। यहां पर संत बहन-भाई की तरह आते हैं और बिना किसी भेदभाव से यहां रहते हैं।
सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने पौष पूर्णिमा के अवसर पर त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाने वाले लोगों की महत्वपूर्ण संख्या पर प्रकाश डाला और कहा कि हम सौभाग्यशाली हैं कि हमें महाकुंभ 2025 को देखने का अवसर मिला।
संगम नगरी प्रयागराज में विश्व हिन्दू परिषद द्वारा आयोजित विराट संत सम्मेलन में…@VHPDigital https://t.co/SPXJfetu1Q
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) January 25, 2025
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तीर्थराज प्रयाग में आज पूज्य संतजन एवं धर्माचार्यों के पावन सान्निध्य में अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बारह पंथ योगी महासभा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सहभाग का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
जब हम संत एक साथ मिलते हैं तो ऐसे मिलते हैं जैसे 'गुरु भाई' मिल रहे हों, आपस में कोई भेद नहीं होता।… pic.twitter.com/cMrViZzcHZ
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पिछले 10 दिनों में 10 करोड़ लोगों ने किया स्नान
सीएम योगी ने कहा कि मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि ‘महाकुंभ के पिछले 10 दिनों में 10 करोड़ लोग पवित्र डुबकी लगा चुके हैं। अगले 35 दिन बाद यह संख्या 45 करोड़ होने की उम्मीद है। दुनिया के कोने कोने से लोग महाकुंंभ के बारे में जानना चाहते हैं। यह एक ऐसी जगह है, जहां किसी को भी भोजन या आश्रय की चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि सभी के लिए आशीर्वाद और प्रसाद प्रचूर मात्रा में है।
यह ताकत है सनातन धर्म की और यही ताकत है हमारे पूज्य संतों की…
यहां कोई जाति, कोई पंथ व संप्रदाय और नाम नहीं पूछता है… pic.twitter.com/KEojOQk4Ae
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महाकुंभ में किसी को भोजन या आश्रय की चिंता करने की जरूरत नहीं
उन्होंने आगे कहा कि महाकुंभ यह एक ऐसी जगह है, जहां किसी को भी भोजन या आश्रय की चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि सभी के लिए आशीर्वाद और प्रसाद प्रचूर मात्रा में है। महाकुंभ में एक साथ बैठना एक शारीरिक क्रिया नहीं है, बल्कि एक आध्यात्मिक जुड़ाव है, जहां सभी संत भाई-बहनों की तरह आते हैं और भेदभाव को पार करते हैं।
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सनातन धर्म एक विराट वट वृक्ष है, इसकी तुलना किसी झाड़-झंखाड़ से नहीं करनी चाहिए… pic.twitter.com/PzY9o7TU3W
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