CM Shivraj Singh: सीएम का डीजीपी को आदेश, गैर इरादतन हत्या नहीं, दर्ज हो हत्या का मामला, "नर पिशाच" किसी भी सूरत...

CM Shivraj Singh: सीएम का डीजीपी को आदेश, गैर इरादतन हत्या नहीं, दर्ज हो हत्या का मामला, “नर पिशाच” किसी भी सूरत…

भोपाल। प्रदेश समेत पूरे देश में कोरोना महामारी का कहर बना हुआ है। महामारी के इस प्रचंड दौर में कुछ लोग आपदा को अवसर समझकर मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। बीते दिनों नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने वाली गैंग का पुलिस ने भांडाफोड़ किया था। इस गैंग ने मप्र में भी नकली इंजेक्शन बेचे थे। गुजरात की इस गैंग ने प्रदेश में कई लोगों को नकली इंजेक्शन बेचकर जान जोखिम में डाली। अब मामले का खुलासा होने के बाद सीएम शिवराज सिंह ने रौद्र रूप अख्तियार कर लिया है।

सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि लोगों की जान से खिलवाड़ कर जेबें भरने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। सीएम ने कहा कि नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने वालों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या नहीं बल्कि हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए। इस मामले में सीएम शिवराज सिंह ने डीजीपी को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि ऐसे नर पिशाच किसी भी सूरत में बचने नहीं चाहिए। नकली इंजेक्शन बेचना गैर इरादतन हत्या नहीं बल्कि हत्या का ही केस है। सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि प्रॉपर इंजेक्शन और समय पर जरूरी दवाएं नहीं मिलने से मृत्यु हो सकती है।

गहराई से हो मामले की जांच…
शिवराज ने इस मामले में कहा कि नकली इंजेक्शन बेचने के मामले का विधि पूर्वक परीक्षण करें। उन्होंने कहा कि ऐसे नर पिशाच किसी भी कीमत पर बच न पाएं, छूट न पाएं। उन्होंने कहा कि इसकी गहराई से जांच की जाए और विशेषज्ञों से भी इस मामले में जरूरत पड़ने पर सलाह लें। सीएम ने कहा कि जरूरत पड़ने पर पुलिस आरोपियों को गुजरात से मप्र में उठाकर लाएं। यहीं उनके खिलाफ मामला दर्ज होना चाहिए। बता दें कि बीते दिनों प्रदेश समेत कई अन्य राज्यों में गुजरात की एक गैंग ने नकली रेमडेसिविर बेचने वाली एक गैंग का पर्दाफाश हुआ था।

अब इस गैंग के तार प्रदेश में मिलने लगे हैं। प्रदेश में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने के मामले में अब तक 194 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इसके साथ 49 लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है। बता दें कि प्रदेश में दवाओं के नाम पर चल रहे फर्जीवाड़े पर सरकार सख्त हो गई है। बीते दिनों ज्यादा पैसे लूटने वाले निजी अस्पतालों के खिलाफ भी प्रशासन ने कार्रावाई की थी।

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