भोपाल. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर गत सप्ताह हुई अतिवर्षा से प्रभावित हुए जनजीवन को सामान्य बनाने के संबंध में वीडियो कान्फ्रेंस कर आवश्यक निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने प्रमुख रूप से राजस्व, जल संसाधन, स्वास्थ्य, नर्मदा घाटी विकास, नगरीय प्रशासन, ऊर्जा, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, कृषि, लोक निर्माण और गृह विभाग के अधिकारियों से बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के प्रयासों की जानकारी ली।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संकट के समय में प्रशासन द्वारा आम जनता के साथ खड़े रहकर उनकी तकलीफें दूर करने के प्रतिबद्ध प्रयास हों। सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि फसलों, सड़कों, पेयजल स्त्रोतों, मकानों आदि की क्षति का आकलन कर शीघ्र रिपोर्ट तैयार की जाए। प्रदेश में अतिवर्षा से हुई क्षति की जानकारी भारत सरकार को भेजी जाएगी।
केन्द्रीय मंत्री तोमर से चर्चा
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को प्रदेश में हुई फसलों की क्षति से अवगत कराया गया है। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत मध्यप्रदेश को अतिरिक्त सहायता का आग्रह भी किया जाएगा।
क्षति के प्रारंभिक आकलन के निर्देश
मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि बाढ़ और अतिवर्षा से पेयजल स्त्रोतों को भी क्षति पहुंची है। आमजन के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए शुद्ध पेयजल का प्रदाय प्राथमिकता से किया जाए। उन्होंने कहा कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को तत्परता से यह कार्य पूर्ण करना है। मुख्यमंत्री ने कृषि फसलों की स्थिति की जानकारी भी प्राप्त की। उन्होंने सोयाबीन की क्षति का विस्तृत आकलन करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही राजस्व विभाग को संपत्ति के नुकसान के आकलन, ऊर्जा विभाग को ट्रांसफार्मर खराब होने की शिकायतों के निराकरण के निर्देश भी दिए गए।
निरंतर सजग रहे प्रशासन
मुख्यमंत्री ने कहा कि निरंतर सजगता की आवश्यकता है। जल संसाधन और नर्मदा घाटी विकास विभाग को सरोवरों, जलाशयों की स्थिति पर नजर रखते हुए बांधों के गेट खोलने संबंधी सूचनाएं यथा समय आमजन को देने के लिए निर्देशित किया। मुख्यमंत्री ने राहत शिविर में रहने वालों को गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। सीएम ने स्वास्थ्य विभाग एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को निर्देश दिए कि अतिवर्षा से अन्य रोग फैलने की आशंका पर नजर रखते हुए आवश्यक एहतियाती कदम उठाए जाएं।
बैठक में जानकारी दी गई कि गांधी सागर जलाशय सहित, इंदिरा सागर, ओंकारेश्वर और अन्य जलाशयों का जलस्तर पहले से कम है। होशंगाबाद में सेठानी घाट पर नर्मदा नदी खतरे के निशान से पानी पांच फीट नीचे है। जलस्तर निरंतर कम हो रहा है। निचली बस्तियों में रहने वाले लोगों की सुरक्षा का कार्य तत्परता से किया गया है। इस कार्य पर निरंतर नजर रखी जा रही है।