भोपाल। सीएम शिवराज न नई दिल्ली में प्रदेश किसानों के हित से संबंधित एक महत्वपूर्ण बैठक में भाग लिया। सीएम शिवराज ने कहा कि मध्यप्रदेश गेहूं के उत्पादन का अब केंद्र है। गत 2 वर्षों से लगभग 1 करोड़ 29 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी कर रहे हैं। गेहूं की गुणवत्ता बहुत अच्छी है। प्रदेश के शरबती को तो गोल्डन ग्रेन कहा जाता है। मध्यप्रदेश के गेहूं की ‘MPWheat’ के नाम से हर जगह साख है। हमारे पास गेहूं के भण्डार भरे हैं। सीएम शिवराज ने कहा प्रदेश के गेहूं को एक्सपोर्ट करने के संबंध में आज पीयूश गोयल की उपस्थिति में एक उच्चस्तरीय बैठक हुई। एक्सपोर्टर कंपनी वर्चुअली जुड़ी हुई थीं। एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए हमने कुछ निर्णय लिये हैं।
प्रदेश से एक्सपोर्ट होने वाले गेहूं पर मंडी टैक्स नहीं लगाया जायेगा। भोपाल में एक्सपोर्ट सेल के जरिए निर्यातकों को हर सुविधा उपलब्ध करायेंगे। प्रदेश में एक लाइसेंस पर कोई भी कंपनी या व्यापारी कहीं से भी गेहूं खरीद सकेगा। मंडी में ऑनलाइन नीलामी की प्रकिया उपलब्ध है,एक्सपोर्टर किसी स्थानीय व्यक्ति से पंजीयन करवा कर गेहूं खरीद सकेंगे। गेहूं की वैल्यू एडिशन और गुणवत्ता प्रमाणीकरण के लिए प्रदेश की प्रमुख मंडियो में इंफ्रास्ट्रक्चर,लैब की सुविधाएं निर्यातकों को उपलब्ध करवाई जायेंगी। प्रमुख मंडियों में एक्सपोर्ट हाउस के लिए यदि निर्यातकों को स्थान की आवश्यकता होगी तो अस्थाई तौर पर रियायती दरों पर मुहैया करवायेंगे। निर्यातक को गेहूं की ग्रेडिंग करना पड़ी तो इसके खर्च की प्रतिपूर्ति की जायेगी। रेलवे ने भरोसा दिया है कि रैक की भी दिक्कत नहीं आने दी जायेगी।