भोपाल। एमपी में स्कूल एजूकेशन CM Rise School Big Breaking को लेकर बड़ी खबर सामने cm shivraj shing chouhanआ रही है। दरअसल प्रदेश में खुलने वाले सीएम राइज स्कूल को लेकर प्राचार्यों का प्रशिक्षण चल रहा है। आपको बता दें भोपाल में ग्वालियर के 8 प्रिंसिपल प्रशिक्षण ले रहे हैं।
बैठक में सीएम ने दिए थे निदेश —
आपको बता दें बीते दिनों CM Rise School सीएम ने इसे लेकर मंत्रियों सहित अधिकारियों की बैठक में निर्देश दिए थे। इसके साथ ही बड़ी घोषणा करते हुए ये कहा गया था कि जून के आखिरी सप्ताह तक प्रदेश में कई सीएम राइज स्कूल संचालित किए जा सकेंगे। जिसके बाद इस पर क्रियान्वयन करते हुए प्राचार्यों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
क्या होते हैं सीएम राइज स्कूल —
आठ मुख्य विशेषताएं
सी.एम. राइज विद्यालयों की 8 प्रमुख विशेषताएं होंगी। अच्छी अधोसंरचना, हर विद्यार्थी के लिए परिवहन सुविधा, नर्सरी/ केजी कक्षाएं, शत-प्रतिशत शिक्षक एवं अन्य स्टाफ, स्मार्ट क्लास एवं डिजिटल लर्निंग, सुसज्जित प्रयोगशालाएँ एवं समृद्ध पुस्तकालय, व्यावसायिक शिक्षा और अभिभावकों की सहभागिता।
हायर सेकंडरी की कक्षाएं संचालित होती
सी.एम. राइज विद्यालयों को केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर खोला जाता है। यहां हिंदी-अंग्रेजी दोनों माध्यम में संचालित होने वाले ये स्कूल विश्वस्तरीय सुविधाओं (स्वीमिंग पूल, बैंकिंग काउंटर, डिजिटल स्टूडियो, कैफेटेरिया, जिम, थिंकिंग एरिया) से लैस होते है। इनमें प्री-नर्सरी से हायर सेकंडरी की कक्षाएं संचालित होती है। इन स्कूलों में 15 से 20 किमी की परिधि में रहने वाले बच्चे पढ़ेंगे और उन्हें स्कूल तक लाने व घर छोड़ने के लिए सरकार बस, वैन की सुविधा उपलब्ध कराएगी। सरकार ने इस पर काम शुरू कर दिया है।
11 दिनी प्रशिक्षण चल रहा है भोपाल में —
आपको बता दें स्कूल का प्रबंधन बेहतर करने के लिए सीएम राजे स्कूल में शिक्षक और प्राचार्य का चयन किया गया है। जिसके बाद प्राचार्य और शिक्षकों को 11 दिन के आवासीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण में पहले प्राचार्य को दिल्ली भेज कर वहां के स्कूलों की व्यवस्था दिखाई गई थी। स्कूल में आधुनिक सुविधाओं के साथ निजी स्कूल की तर्ज पर तैयार किया गया। इसके लिए शिक्षकों और प्राचार्य को पूरी तरह से दुरुस्त किया जा रहा है। इस विशेष प्रशिक्षण में प्राचार्य व शिक्षकों को कार्यमुक्त करने के आदेश लोक शिक्षण आयुक्त द्वारा जिला शिक्षा अधिकारियों को दिए गए थे। जिसके बाद से प्राचार्य शिक्षक प्रशिक्षण ले रहे हैं।