हाइलाइट्स
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एमपी में निजी स्कूलों की मनमानी पर लगेगी लगाम
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सीएम ने परेंट्स की शिकायतों पर लिया संज्ञान
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परेंट्स पर दबाव बनाने पर लगेगा 2 लाख का जुर्माना
CM Mohan Yadav ने प्रदेशभर के प्राइवेट स्कूलों के लिए बड़ा फैसला लिया है. जिसके बाद Private School पेरेंट्स और छात्रों को परेशान नहीं कर पाएंगे.
इस फैसले के साथ निजी स्कूलों पर सख्ती और बड़ जाएगी. वहीं अभिभावकों को स्कूलों द्वारा डाले जाने वाले दबाव से राहत मिलेगी. सीएम ने इसके लिए मुख्य सचिव को आदेश जारी करने के निर्देश भी दे दिए हैं.
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— Bansal News (@BansalNewsMPCG) April 1, 2024
अपने पसंद की दुकान से परेंट्स खरीद पाएंगे किताबें
निजी स्कूलों (Private School) अभी तक कोर्स की किताबें और अन्य सामान जैसे स्कूल यूनिफार्म, शिक्षण सामग्री एक निश्चित दुकान से खरीदने का दबाव बनाते थे.
जिससे परेंट्स को परेशानी के साथ-साथ जेब पर भी दवाब होता था. अब सरकार निजी स्कूलों द्वारा बनाए जाने वाले इस दबाव पर कार्रवाई करेगी.
परेंट्स ने की थी शिकायत
मेरे संज्ञान में आया है कि कुछ निजी स्कूलों द्वारा पालकों को कोर्स की किताबें, यूनिफार्म और अन्य शिक्षण सामग्री किसी निर्धारित दुकान से खरीदने के लिए बाध्य किया जा रहा है, जो कि उचित नहीं है।
मैंने इस सम्बन्ध में कार्रवाई करने के लिए मुख्य सचिव को निर्देश दिये हैं। स्कूल शिक्षा…
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) April 1, 2024
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने परेंट्स की शिकायतों पर संज्ञान लिया है. सीएम ने कड़े शब्दों में निजी स्कूल संचालकों को चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने पालकों को कोर्स की किताबें, यूनिफार्म और अन्य शिक्षण सामग्री किसी तय दुकान से खरीदने के लिए दबाव बनाया तो स्कूल संचालकों (Private School Operator) पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
मुख्य सचिव को दिए आदेश जारी करने के निर्देश
सीएम मोहन यादव ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि वे इस संबंध में आदेश जारी करें. इसके बाद मुख्य सचिव ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है.
वहीं स्कूल शिक्षा विभाग ने जिला कलेक्टरों को भी इस पत्र जारी किया है. जिसमें कहा गया है कि जिला कलेक्टर भी स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए सरकार के आदेश का सख्ती से पालन कराएं. जिससे पेरेंट्स को परेशानी न हो.
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बता दें सरकार के आदेश के बाद अब जिला प्रशासन ऐसे स्कूलों पर नजर रखेगा. इसके साथ ही आदेश न मानने पर मध्यप्रदेश निजी विद्यालय फीस अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी. इस अधिनियम के तहत स्कूल संचालक पर 2 लाख तक जुर्माना हो सकता है.