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हाइलाइट्स
सपा के कोर वोटर 'यादवों' पर बीजेपी की नजर
यूपी में लगे 'यादव चला मोहन के साथ' नारे वाले पोस्टर
9 फीसदी यादव वोट बैंक को जुटाने की जिम्मा मोहन यादव को
CM Mohan Yadav IN UP: एमपी के सीएम मोहन यादव रविवार को यूपी की राजधानी लखनऊ में हो रहे यादव महाकुंभ में शामिल हुए. इस सम्मेलन के लिए पूरे यूपी में बड़े बड़े बैनर लगाए गए थे. इस दौरान सीएम मोहन यादव ने कहा कि एमपी और यूपी भाई भाई हैं. सीएम मोहन यादव ने यूपी के साथ रिश्तों की 450 साल पुरानी अनोखी कहानी सुनाई है. जिसे सुनकर सभा में मौजूद सभी लोग चौंक गए. सम्मेलन में यूपी के अलग अलग कौने से यादव समाज के लोग शामिल हुए.
आजमगढ़ में रहते थे मोहन यादव के पूर्वज
यादव महाकुंभ में सीएम मोहन यादव (CM Mohan Yadav IN UP) ने यूपी से अपने पुराने रिश्तों का जिक्र करते हुए कहानी सुनाई. उन्होंने कहा कि 450 साल पहले उनके पूर्वज आज के आजमगढ़ में रहते थे. तब वे आजमगढ़ से एमपी आए थे. इसके साथ ही उन्होंने भगवान कृष्ण से उज्जैन के संबंधों की बात करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की धरती वह धरती है, जो नारा ही नहीं लगाती, बल्कि उस नारे को साबित भी करती है. जिसने मर्यादा तोड़ी, उसको मर्यादा में भगवान श्रीकृष्ण ने रखा. हमें गर्व है कि हम भगवान श्रीकृष्ण के वंशज हैं.
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‘यादव चला मोहन के साथ’
यादव महाकुंभ के लिए यूपी में पोस्टर लगाए गए हैं उसमें लिखा हुआ है, श्रीराम-कृष्ण विरोधियों को छोड़ हाथ- यादव चला मोहन के साथ. इस नारे के साफ अर्थ है कि बीजेपी की नजर यूपी के यादव वोट बैंक पर है. क्योंकि लोकसभा चुनाव में ऐसा माना जाता है कि जिसने यूपी जीत ली सरकार उसी की बनेगी.
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यूपी में 9 फीसदी यादव वोटर
बता दें यूपी में यादव वोट बैंक का चुनाव में अहम रोल होता है. यूपी की 80 और बिहार की 40 लोकसभा सीटों में सेंध मारने के लिए बीजेपी यादव कार्ड खेल रही है. इसकी अहम जिम्मेदारी एमपी के सीएम मोहन यादव को दी गई है. सीएम बनने के बाद से वे लगातार बिहार और यूपी के दौरे कर रहे हैं. यूपी में इसकी शुरुआत 13 फरवरी को आजमगढ़ दौरे से हुई. बीजेपी की पूरी कोशिश है कि सपा के कोर वोटर को खींचा जाए.
‘यादव’ समाजवादी पार्टी का पारंपरिक वोटर
सपा के संस्थापक दिवंगत नेता मुलायम सिंह का 'यादव समाज' पर खासा प्रभाव रहा है. यादव हमेशा सपा का कोर वोटर रहा है. मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद से अखिलेश कोर वोटर को प्रभावित करने में कितने कामयाब रहते हैं यह इस लोकसभा चुनाव में भी नजर आएगा. हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव में सपा ने अपने यादव वोटर्स को बचाए रखा था. सपा ने 2022 विधानसभा में 31.8 प्रतिशत वोट के साथ 111 सीटें हासिल की थी. इसमें यादव वोटर्स की अहम भूमिका थी.
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