CM Mohan Yadav Cabinet: लोकसभा चुनाव के बाद एमपी के CM Mohan Yadav की सियासी पारी में कुछ नए बदलाव किए जा सकते हैं. कई वर्तमान विधायकों को लोकसभा का टिकट मिला है. यदि वे चुनाव जीत जाते हैं तो उनकी सीट खाली हो जाएगी. वहीं कुछ वर्तमान कैबिनेट मंत्रियों को कम वोटिंग प्रतिशत के चलते मंत्रिमंडल में बने रहना चुनौतीपूर्ण हो सकता है. आज सीएम मोहन यादव जब राजभवन में राज्यपाल से मिलने पहुंचे तो इसकी चर्चाएं और तेज हो गईं. सीएम मोहन ने राज्यपाल मंगू भाई पटेल से मुलाकात की. दोनों के बीच प्रदेश की राजनीतिक हालातों को लेकर चर्चा हुई.
राज्यपाल से मुलाकात के बाद चर्चा तेज
सीएम मोहन यादव की राज्यपाल से हुई मुलाकात के बाद इस बात की चर्चा और तेज हो गई है. लोकसभा चुनाव के बाद सीएम के मंत्रिमंडल (Mohan Yadav Cabinet) में विस्तार हो सकता है. इसमें कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए नेताओं को भी जगह दी जा सकती हैं. वहीं कुछ और विधायकों को भी मंत्री पद दिया जा सकता है.
इन लोगों को दी जा सकती है जगह
सीएम के नए मंत्रीमंडल को लेकर सबसे पहला नाम कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए दिग्गज नेता रामनिवास रावत का है. इसके साथ ही कांग्रेस से ही बीजेपी में आए कमलेश शाह का भी नाम चर्चाओं में शामिल है.
मंत्रियों की छिन सकती है कुर्सी
लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) के तीन चरणों में कई मंत्रियों के क्षेत्र में 2019 के मुकाबले मतदान प्रतिशत बहुंत ज्यादा कम हो गया है. 13 मई (सोमवार) को प्रदेश में चौथे और प्रदेश में अंतिम चरण की 8 सीटों पर मतदान है.. मतदान कम होने को लेकर कुछ मंत्रियों की कुर्सी भी खतरे में पड़ गई है. ऐसी चर्चा है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भोपाल में वोटिंग से एक दिन पहले कहा था कि जिस मंत्री के क्षेत्र में कम वोटिंग हुई तो उसका मंत्री पद जाएगा.
इन मंंत्रियों के क्षेत्र में कम हुआ मतदान
डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला के गृह लोकसभा क्षेत्र रीवा में 10.91% कम वोटिंग हुई. प्रहलाद पटेल के क्षेत्र में 15.24 % कम वोटिंग हुई, राव उदय प्रताप सिंह के क्षेत्र में 10.42 % कम वोटिंग हुई. इसी तरह नरेंद्र शिवाजी पटेल के क्षेत्र में 21.3 फीसदी कम वोटिंग हुई. मंत्री राधा सिंह के विधानसभा क्षेत्र चितरंगी में 16.09% कम वोटिंग हुई. संस्कृति राज्य मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी के क्षेत्र जबेरा में 13.18 फीसदी कम मतदान हुआ.