Bhopal Private School Operators Protest: भोपाल में आज बड़ी संख्या में प्राइवेट स्कूल संचालकों ने राज्य शिक्षा केंद्र पर अपनी समस्याओं को लेकर धरना दिया। इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए, जिनमें मुख्य रूप से सुरक्षा निधि (FD) की वापसी और रजिस्टर्ड किरायानामा की शर्तों को खत्म करने की मांग शामिल थी। स्कूल संचालकों का कहना था कि सरकार ने मान्यता नियमों को अत्यधिक जटिल बना दिया है, जिससे खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित स्कूलों को बड़ी मुश्किलें आ रही हैं।
प्रदेशभर से भोपाल पहुंचेंगे स्कूल संचालक और स्कूल डायरेक्टर
इससे पहले, स्कूल संचालकों ने 10 जनवरी को मुख्यमंत्री मोहन यादव के बंगले का घेराव करने की योजना बनाई थी। इस घेराव में प्रदेशभर से स्कूल संचालक और स्कूल डायरेक्टर भोपाल पहुंचने वाले थे।
प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष राशिद खान ने बताया कि इससे पहले वे मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और अपने-अपने जिलों के विधायकों से मिलकर अपनी समस्याएं उठा चुके थे। अब वे आयुक्त को ज्ञापन देने की तैयारी कर रहे हैं, जिसमें 1000 से अधिक स्कूल संचालक और डायरेक्टर भाग लेंगे।
नए नियमों का विरोध (Private School Operators Protest)
शिक्षा विभाग ने प्राइवेट स्कूलों पर नए मान्यता नियमों को लागू किया है, जिनमें रजिस्टर्ड किरायानामा, सुरक्षा निधि और हर साल रिन्युअल फीस की मापदंड शामिल हैं। स्कूल संचालकों का कहना है कि इन नियमों से विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित स्कूलों को संकट का सामना करना पड़ रहा है। नोटरीकृत किरायानामा की शर्तें और सुरक्षा निधि का प्रावधान स्कूलों के लिए भारी पड़ रहा है, जिससे कई स्कूलों का अस्तित्व संकट में है।
संभावित स्कूल बंद होने और बेरोजगारी का खतरा
एक स्कूल संचालक ने कहा कि अगर इन नए नियमों को लागू किया गया, तो कई स्कूल बंद हो सकते हैं, जिसके कारण वहां काम कर रहे शिक्षक और कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे। इससे जुड़े संस्थान भी प्रभावित होंगे। उन्होंने सरकार से सुरक्षा निधि में वृद्धि को वापस लेने और रजिस्टर्ड किरायानामा की शर्तों में राहत देने की मांग की।
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समाधान की उम्मीद
धरने (Private School Operators Protest) के दौरान स्कूल संचालकों ने राज्य शिक्षा केंद्र के अधिकारियों से अपनी समस्याओं के समाधान की अपील की। उनका कहना था कि यदि इन मुद्दों का हल निकाला जाता है, तो इससे प्राइवेट स्कूलों की कार्यकुशलता में सुधार होगा और शिक्षा क्षेत्र में सकारात्मक माहौल बनेगा।
उन्होंने शिक्षा विभाग से उम्मीद जताई कि उनकी समस्याओं का शीघ्र समाधान किया जाएगा, ताकि वे अपने स्कूलों को सुचारु रूप से चला सकें और विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा प्रदान कर सकें।
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