MP Transfer Policy Update: मध्य प्रदेश के कर्मचारी लंबे समय से ट्रांसफर पर लगी रोक हटने की राह देख रहे हैं। उनके लिये बड़ा अपडेट है। सीएम मोहन यादव ने पहली बार इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए खुद बड़ा इशारा किया है।
कर्मचारियों के जल्द ट्रांसफर शुरु करने की मांग सरकार तक भी पहुंच रही है। 22 अक्टूबर को कैबिनेट बैठक में अनौपचारिक रूप से कुछ मंत्रियों ने सीएम के सामने ये मुद्दा उठाया था।
इस महीने हट सकती है रोक
पीएचई मंत्री संपतिया उइके, कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री दिलीप जायसवाल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्यमंत्री राधा सिंह समेत अन्य मंत्रियों ने सीएम के सामने ट्रांसफर खोलने की बात रखी।
जिसके बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस बारे में दीपावली के बाद विचार करने की बात कही है। इससे अब ये अनुमान लगाया जा रहा है कि नवंबर में ट्रांसफर पर लगी रोक हट सकती है।
चार महीने में पांच बार टल चुकी है तारीख
जुलाई माह से ही ये अनुमान लगाया जा रहा है कि जल्द ट्रांसफर पॉलिसी लागू होगी, लेकिन हर बार ये सिर्फ कोरे अनुमान ही रहे। चार महीने में पांच से ज्यादा बार ट्रांसफर के लिये तारीखों के ऐलान को टाला जा चुका है।
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15 और 25 जुलाई फिर 20 अगस्त और 3 सितंबर से ट्रांसफर (MP Transfer Policy Update) शुरु होने के अनुमान लगाए गए थे, लेकिन अक्टूबर माह में भी ट्रांसफर पर से रोक नहीं हट सकी है।
ये ट्रांसफर पॉलिसी है प्रस्तावित
1. जिले के भीतर प्रभारी मंत्री के अप्रूवल से ट्रांसफर हो सकते हैं।
2. जिले के बाहर और विभागों में तबादलों पर सीएम की अनुमति जरुरी।
3. नीति के अंतर्गत 200 कर्मचारियों की संख्या वाले संवर्ग में 20% से ज्यादा तबादले नहीं।
4. नीति के तहत 201 से 2000 तक के संवर्ग में 10% से ज्यादा तबादले नहीं।
5. दो हजार से ज्यादा संख्या होने पर 5 फीसदी तबादले किए जाने का नियम है।
इस तरह हो सकेंगे तबादले
प्रथम श्रेणी के सभी अधिकारियों के तबादले मुख्यमंत्री (CM Mohan Yadav) के अनुमोदन से होंगे। द्वितीय और तृतीय श्रेणी के अधिकारियों के विभागीय मंत्री और जिले के भीतर कर्मचारियों के तबादले कलेक्टर के माध्यम से होंगे।
हालांकि इसके लिए प्रभारी मंत्री की परमिशन लेना अनिवार्य होगा। तबादला नीति (MP Transfer Policy Update) का पालन सुनिश्चित करने का दायित्व विभागीय अधिकारियों को दिया गया है।
बार बार इसलिए अटक रही पॉलिसी
प्रदेश में शिक्षक एक बड़ा समूह है। कुल ट्रांसफर में से अकेले शिक्षकों के 60 फीसदी से अधिक ट्रांसफर होते हैं। पहले शिक्षकों के उच्च पद प्रभार की प्रक्रिया के कारण ये मामला अटक गया।
ये मामला खत्म हुआ तो लगा कि कर्मचारियों के ट्रांसफर अब शुरु हो जाएंगे, लेकिन यहां भी निराशा ही हाथ लगी। तबादला नीति पर अतिशेष शिक्षकों का मुद्दा हावी हो गया। अतिशेष प्रक्रिया अपने अंतिम चरणों में है। ऐसे में माना जा रहा है कि नवंबर से ट्रांसफर शुरु हो सकते हैं।
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