MP Safai Karamchari: मध्य प्रदेश के सफाईकर्मियों के लिए CM मोहन यादव ने बड़ा ऐलान किया है। अब सफाईकर्मियों को रैंकिग के हिसाब से प्रोत्साहन राशि मिलेगी। सीएम ने कहा कि जिस निकाय को जितने स्टार मिलेंगे, उसमें कार्यरत सफाई मित्रों को उतने ही हजार रुपए की राशि दी जाएगी। जो निकाय एक स्टार हासिल करेगा, उसे एक-एक हजार, दो, तीन से लेकर 5, 6, 7 स्टार तक प्राप्त कर सकते हैं। जो सात स्टार हासिल करेंगें, उन्हें सात हजार की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
मध्य प्रदेश में सफाईकर्मियों के लिए मुख्यमंत्री मोहन यादव का बड़ा ऐलान#CMMohanYadav #MPNews pic.twitter.com/ob1bGmPf8K
— Bansal News (@BansalNewsMPCG) September 17, 2024
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मंगलवार को भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में प्रदेश के 50 जिला अस्पतालों में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्रों का उद्घाटन किया। इसी दौरान सफाईकर्मचारियों के लिए ये घोषणा की।
CM ने कहा- जितने स्टार, उतने मिलेंगे रुपए
सीएम मोहन यादव ने प्रदेश के सफाईकर्मचारियों के लिए ऐलान करते हुए कहा कि जिस निकाय को जितने स्टार मिलेंगे, उसमें काम करने वाले सफाईकर्मियों को उतनी प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
स्वच्छता सर्वेक्षण में 5 स्टार मिलने पर नगर निगम के 8,117 सफाई मित्रों को पांच-पांच हजार रुपए की राशि प्रोत्साहन के रूप में दी जाएगी। इस दौरान सीएम और राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने सिंगल क्लिक के माध्यम से खातों में राशि भी ट्रांसफर की।
मध्य प्रदेश को मिला देश में सबसे स्वच्छ राज्य का दर्जा
बता दें कि साल 2022 में हुए स्वच्छता के सर्वे में एमपी को देश के सबसे स्वच्छ राज्य का दर्जा मिला है। वहीं 2023 में देश का सबसे अच्छा राज्य घोषित किया गया। मध्य प्रदेश को स्वच्छता के मामले में 7 राष्ट्रीय पुरुस्कार भी मिले हैं। प्रदेश के 361 निकाय ODF डबल प्लस, 3 निकाय ODF प्लस और 7 निकायों को ODF का प्रमाणीकरण प्राप्त हुआ है।
अगर बात करें एमपी के शहरों की तो इंदौर को स्वच्छता सर्वे पुरस्कार 2023 में लगातार 7वीं बार देश के सबसे स्वच्छ शहर का पुरस्कार मिला है। साथ ही इंदौर वाटर प्लस प्रमाणन और सात स्टार रेटिंग प्राप्त करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। हाल ही की बात करें तो नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम में स्वच्छ वायु सर्वे 2024 में जबलपुर ने वायु गुणवत्ता के सुधार में देश में दूसरा स्थान प्राप्त किया है।
CM यादव ने ये भी कहा
इस दौरान सीएम यादव ने चेचक की बीमारी के टीके से ईजाद होने का तरीका बताते हुए कहा कि जब भारत में अंग्रेज राज्य कर रहे थे, उस समय दुनिया भर में चेचक की बीमारी फैली हुई थी।
इसके बचाव के भी कोई साधन नहीं थे। उस समय अगर किसी को चेचक का फोड़ा होता था, तो वह बबूल के कांटे से फोड़कर मवाद निकाल लिया करते था।
फिर इसी मवाद को चेचक से पीड़ित दूसरे व्यक्ति को लगाते थे, जिससे बीमारी की एंटीबॉडी तैयार हो जाती थी। ऐसा करने के बाद उस व्यक्ति को चेचक की बीमारी नहीं होती थी। अंग्रेजी शासकों ने इस फॉर्मूले को लंदन भेजा और फिर चेचक के टीके का अविष्कार हुआ।
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