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CAA की अधिसूचना गृह मंत्रालय ने की जारी, जानें क्या है विवाद जिसके चलते 4 साल से रुका हुआ था कानून?

CAA: आज से देशभर में लागू हुआ कानून, गृह मंत्रालय ने CAA की अधिसूचना जारी कर दी है. रजिस्ट्रेशन के लिए वेबसाइट भी तैयार कर ली गई है.

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Rohit Sahu
CAA की अधिसूचना गृह मंत्रालय ने की जारी, जानें क्या है विवाद जिसके चलते 4 साल से रुका हुआ था कानून?

हाइलाइट्स

  • लोकसभा चुनाव से पहले जारी हुई CAA की अधिसूचना
  • CAA का ऑनलाइन पोर्टल भी रजिस्ट्रेशन के लिए तैयार
  • गृह मंत्रालय की ओर से जारी हुआ CAA का नोटिफिकेशन
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CAA का नोटिफिकेशन आज गृह मंत्रालय ने जारी किया है.  इसके साथ ही यह कानून आज से देशभर में लागू हो गया है. बीते दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि लोकसभा चुनाव से पहले CAA लागू कर दिया जाएगा.

बता दें सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (CAA) के अंतर्गत अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश से 31 दिसंबर 2014 के पहले आने वाले छह अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को भारत की नागरिकता दी जाएगी.

जिसमें  हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी समुदाय शामिल है. जिसके लिए तीनों देशों से आए विस्थापित लोगों को कोई दस्तावेज देने की भी जरूरत नहीं होगी.  उन्हें नागरिकता देने की प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए ऑनलाइन  वेबसाइट भी तैयार की गई है. हालांकि कानून 2020 में बन गया था लेकिन विवाद के चलते लागू नहीं हो पाया था.

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 CAA

    कब तैयार हुआ CAA

सीएम को 2016 में केंद्र सरकार ने लोकसभा में पेश किया था. जहां से बिला आसानी से पास हो गया. लेकिन राज्यसभा में बिल अटक गया. इसके बाद बिल को संसदीय समिति के पास भेजा गया.

जहां बिल अटका रहा इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव आ गए.  2019 में बीजेपी ने बहुमत के साथ दोबारा सरकार बनाई. 9 दिसंबर 2019 को फिर से CAA को लोकसभा में पेश किया गया. इसके 2 दिन बाद 12 दिसंबर 2019 को राज्यसभा में कानून पेश किया गया.

Citizenship Amendment Bill

इसबार कानून लोकसभा और राज्यसभा दोनों जगहों से पास हो गया. कानून पास होने के बाद 10 जनवरी 2020 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हस्ताक्षर के बाद इसे मंजूरी मिल गई और यह कानून बन गया. लेकिन लागू नहीं हो पाया.

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   कानून का हुआ था विरोध

CAA- protest

2020 में कानून बनने के बाद इस कानून को लेकर कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हुए. देश की राजधानी दिल्ली, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल,  केरल समेत पूर्वोत्तर के कई राज्यों में इसका विरोध हुआ. राजधानी दिल्ली में CAA के खिलाफ प्रदर्शनकारी धरने पर बैठे थे. जिन्हें 2020 में कोरोना वायरस के चलते प्रदर्शनकारियों को हटा दिया गया था.

   प्रदर्शन में गईं थी 100 लोगों की जान

CAA के विरोध प्रदर्शन के दौरान 100 से अधिक लोगों की जान गयी थी.  प्रदर्शनकारियों के मुख्य रूप से तीन मुद्दे थे जिनको लेकर वे विरोध कर रहे थे.

 CAA Protest

पहला पूर्वोत्तर राज्यों में से अधिकांश लोगों को डर है कि कानून लागू होने के बाद उनके राज्यों में अप्रवासियों की भीड़ बड़ जाएगी. जिससे उनके अधिकारों का हनन होगा. उनकी जनसांख्यिकीय, भाषाई और सांस्कृतिक संरचना को खतरा पैदा होगा.

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दूसरा विवाद मुस्लिम समुदाय को लेकर था. दरअसल CAA कानून गैर मुस्लिमों अल्पसंख्यकों को तो भारत का नागरिक बनने का मौका देता है. लेकिन मुस्लिम समुदाय के पास ये मौका नहीं था. जिसको लेकर मुस्लिम समुदाय से जुड़ें लोग विरोध कर रहे थे. हालांकि भारतीय मुस्लिमों पर कानून का असर नहीं होगा. विरोध की असल वजह इसे NRC से जोड़कर देखने पर है.

धर्म को नागरिकता का पैमाना बनाने को लेकर भी इसका विरोध किया जा रहा था. प्रदर्शनकारियों का तर्क था कि धर्म का आधार बनाकर नागरिकता देना संविधान के खिलाफ है. इससे मुसलमानों के साथ भेदभाव हो रहा है.

   CAA के तहत नागरिकता के लिए वेबसाइट

गृह मंत्रालय के प्रवक्ता की ओर से CAA के तहत नागरिकता लेने की प्रक्रिया के बारे में बताया गया है. उन्होंने अपने एक्स पोस्ट में लिखा कि सोमवार, 11 मार्च को ही नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 के तहत नियम अधिसूचित किए जाएंगे.

https://twitter.com/PIBHomeAffairs/status/1767173421727711374

इन नियमों को नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 कहा जाएगा. ये नियम CAA-2019 के तहत पात्र व्यक्तियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने के लिए आवेदन करने में सक्षम बनाएंगे. और सभी आवेदन पूरी तरह से ऑनलाइन मोड में जमा किए जाएंगे.

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