SP Simala Prasad : मध्यप्रदेश के बैतूल जिले की पुलिस अधिक्षक सिमाला प्रसाद की अच्छी माॅनिटरिंग ने जिले का चैपना थाने को देश के अव्वल पुलिस थानों में शामिल करा दिया है। चैपना थाने को देश में छटवां स्थान मिला है। एसपी सिमाला प्रसाद की अच्छी माॅनिटरिंग, अपराधों का निराकण और पुलिस थाने के स्टाॅफ की अच्छी कार्यशैली के चलते यह बड़ी उपलिब्ध हासिंल हुई है।
देश के अव्वल थानों की रैंकिंग केंन्द्रीय गृह मंत्रालय के पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरों ने की है। इससे पहले कोविड के चलते दो साल से रैंकिंग नहीं हो सकी थी। मंत्रालय की ओर से देश के सभी राज्यों से तीन तीन पुलिस थानों की रिर्पोट मांगी गई थी। जिसके बाद प्रदेश से तीन थानों के नाम भेजे गए थे। प्रदेश की ओर से बैतूल जिले का चोपना थाना, रानीपुर थाना और होशंगाबाद जिले का रामपुर थाना भेजा गया था। जिसके बाद दिल्ली से आई एक टीम ने तीनों थानों का निरिक्षण किया और रैंकिंग तैयार की थी जिसमें बैतूल को देश में छटवां स्थान मिला है। जबकि प्रदेश में पहला स्थान मिलना है। वही दोनों थाने टाॅप टेन से बाहर हो गए है।
चैपना थाने को मिली इस उपलब्धि पर प्रदेश के डीजीपी सुधीर सक्सेना ने बैजूल जिले की एसपी सिमाला प्रसाद को बधाई दी। पुलिस थानों की रैकिंग की घोषणा 20 जनवरी को आयोजित हुए आखिल भारतीय पुलिस महानिदेशक सम्मेल में डीजीपी सुधीर सक्सेना की मौजूदगी में की गई थी।
कौन है एसपी सिमाला प्रसाद SP Simala Prasad
मध्य प्रदेश कैडर की महिला IPS सिमाला प्रसाद प्रदेश की इकलौती ऐसी आईपीएस अफसर हैं, जिन्होंने बॉलीवुड मूवी में भी काम किया है। सिमाला प्रसाद बैतूल की एसपी हैं। लेकिन वो एक आईपीएस होने के साथ ही एक अभिनेत्री भी हैं। सिमाला प्रसाद ने फिल्म अलिफ़ में डायरेक्टर जैगम इमाम और अली की बहन शम्मी का रोल निभाया था। सिमाला का जन्म 8 अक्टूबर 1980 को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में हुआ था। सिमाला पूर्व आईएएस अधिकारी और भींड से एमपी रहे डॉ. भागीरथ प्रसाद व साहित्यकार मेहरून्निसा परवेज की बेटी हैं। ये 2011 बैच की IPS अधिकारी हैं। बतादें कि भोपाल की बरकतुल्ला यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने के बाद सिमाला ने सेल्फ स्टडी से एमपी पीएससी की परीक्षा पास की थी।
सिलेक्शन से पहले थिएटर में किया था काम
आईपीएस में सिलेक्शन से पहले उन्होंने थिएटर में भी काम किया था। एक दिन उनकी मुलाकात दिल्ली में अलिफ़ के डायरेक्टर जैगम इमाम से हुई, जैगम ने उनकी सादगी देखकर उनसे मिलने का समय मांगा और फिर उन्होंने अलिफ़ की स्क्रिप्ट सुनाई। स्क्रिप्ट सुनकर सिमाला इस फिल्म को करने के लिए राजी हो गईं। क्योंकि इस फिल्म की कहानी उन्हें आम फिल्मों से अलग लगी इसलिए उन्होंने अपने काम से छुट्टी लेकर शूटिंग कम्पलीट की।
2017 में रिलीज हुई थी पहली फिल्म
मालूम हो कि यह फिल्म नवंबर 2016 में ऑस्ट्रेलिया में इंडियन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ क्वींसलैंड में बतौर वर्ल्ड प्रीमियर प्रदर्शित हुई और फरवरी 2017 में रिलीज हुई। फिल्म में सिमाला का किरदार एक ऐसे बच्चे की बहन का है जो मदरसे में पढ़ता है और डॉक्टर बनना चाहता है। बच्चे को जब स्कूल पढऩे के लिए भेजा जाता है तो कट्टरपंथी इसका विरोध करते हैं। इस फैसले से उस लड़के की बहन पर भी असर पड़ता है। इस फिल्म के अलावा उन्होंने 2019 में आई फिल्म नक्काश में भी एक जर्नलिस्ट का रोल निभाया।
रचनात्मक काम को लेकर चर्चा में रहती हैं
सिमाला प्रसाद आईपीएस अफसर बनने से पीएससी में चयनित होकर डीएसपी भी बनी थीं, लेकिन इनका बचपन से ख्वाब आईपीएस बनने का था। इसलिए डीएसपी बनने के बाद फिर सिविल सर्विस की तैयारियों में जुट गई और वर्ष 2011 में आईपीएस बनने में सफल हुईं। ये रतलाम की सीएसपी और नक्सली प्रभावित इलाके डिंडौरी समेत कई जिलों में एसपी रह चुकी हैं। इंदौर में सीएसपी विजय नगर और एएसपी ईस्ट भी रही हैं। वर्तमान में वो बैतूल एसपी की जिम्मेदारी संभाल रही हैं और अपने रचनात्मक काम के लिए हमेशा चर्चा में रहती हैं। लॉकडाउन में उनकी कविता ‘मैं खाकी हूं’ को काफी सराहा गया था।