Chori Ki Training : देश के राज्यों की सरकार और केंन्द्र सरकार शिक्षा को लेकर कई तरह की योजनाए और कार्यक्रम चला रही है, बच्चों को शिक्षित करने के ट्रेनिंग दी जा रही है, लेकिन मध्यप्रदेश में एक ऐसा गांव है। जहां बच्चों को शिक्षा की ट्रेनिंग तो नहीं बल्कि चोर बनने की ट्रेनिंग दी जा रही है। इतना ही नहीं बच्चों को पूरी ट्रेनिंग दी जाती है। उन्हें यह भी सिखाया जाता है कि अगर पकड़े जाओं तो कैसे झूठ बोलना है। यह गांव अब देशभर में मशहूर हो चुका है।
बच्चों की दी जाती है 6 माह की ट्रेनिंग
यह गांव मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में स्थित हैं गांव का नाम गुलखेड़ी है। गुलखेड़ी गांव में बच्चों को चोरी कैसे करना है इसकी ट्रेनिंग दी जाती है। गांव के कई लोग पढ़े लिखे है, लेकिन इसके बाद भी गांव के अधिक्तर लोग चोरी और शराब बेचने का काम करते है। और इसके लिए बच्चों को 6 माह की ट्रेनिंग दी जाती है। ट्रेनिंग के बाद बच्चों से चोरी कराई जाती है। बच्चों को बकायदा सिखाया जाता है कि उन्हें कैसे हाईप्रोफाइल परिवारों की शादियों में कैसे घूसना है,कैसे उनके सामने खड़ा होना है, और पकड़े जाने पर कैसे झूठ बोलना है।
बताया जाता है कि इस गांव से ट्रेनिंग प्राप्त बच्चे शादियों में चोरी करते है। और जब पकड़ा जाते है तो कहते है की मम्मी का पर्स समझकर उठा लिया था। और अगर बच्चे पर कार्रवाई होती है तो बच्चें को बालसुधार गृह में भेज दिया जाता है। वहां से छूटने के बाद बच्चे फिर चोरी के काम में लग जाते है। बच्चों चोरी करने से पहले चोरी करने की जगह की रेकी करते है। इसके बाद चोरी को अंजाम देकर फरार हो जाते है।
बच्चों की लगती है बोली
आपको बता दें कि गांवों के अधिक्तर बच्चों का काम चोरी करने का है। गांव के बड़े पैसे वाले लोग बच्चों की लाखों रूपये में बोली लगाकर उन्हें खरीद लेते है। इसके बाद खरीदे गए बच्चे चोरी करके अपने मालिक को कई गुना की रकम चुकाते है। खरीद की रकम से अधिक चुकाने के बाद बच्चों को छोड़ दिया जाता है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि इस गांव में देश के कई राज्यों से लोग चोरी की ट्रेनिंग लेने के लिए बाते है।