नई दिल्ली। Chondromalacia Of Patella बदलती लाइफ स्टाइल लोगों की दिनचर्या भी बिगाड़ कर रखे हैं। health आफिसों में 9 घंटे की सिटिंग जाब तो कहीं खड़े होकर करने वाले काम लोगों के घुटनों में समस्याएं पैदा कर रहे हैं। अगर आप भी कुछ इसी तरह की समस्या से पीड़ित हैं तो आपको इसकी नजर अंदाजी भारी पड़ सकती है। विशेषज्ञों की मानें तो ये हड्डियों के गंभीर बीमारी के संकेत हो सकते हैं। आपको बता दें इसका नाम है कॉन्ड्रेमलेशिया पटेला। तो चलिए जानते हैं आखिर ये बीमारी है क्या साथ ही इसके उपाय और लक्षण क्या हैं।
किसे कहते हैं कॉन्ड्रेमलेशिया पटेला
विशेषज्ञों की मानें तो घुटनों में से आवाज आने की समस्या को मेडिकल की भाषा में कॉन्ड्रेमलेशिया पटेला (chondromalacia of patella) कहते हैं। इस स्थिति में घुटने की कैप जिसे नीकैप कहा जाता है, उसमें अंदर की तरफ के कार्टिलेज में मुलामियत आ जाती है। इस कंडीशन में होता ये है कि घुटनों में आगे की तरफ यानि उपर साइड दर्द होने लगता है। इस कॉन्ड्रेमलेशिया पटेला बीमारी में होता ये है कि ये नीकैप जांघ की हड्डी, जिसे फीमर कहा जाता है, के ऊपर चढ़ जाती है। इसी के साथ ये घिसने लगती है। जिसके चलते कॉन्ड्रेमलेशिया पटेला या रनर्स नी की समस्या घेरना शुरू कर देती है। आपको बता दें ये समस्या कॉन्ड्रेमलेशिया पटेला की समस्या युवाओं और एथलेटिक में होना एक आम बात है।
कॉन्ड्रेमलेशिया पटेला के लक्षण —
इसके होने पर घुटनों में सुबह उठने पर अजीब सी आवाजें आती हैं। सीढ़ी चढ़ने उतरने और जमीन पर बैठने में दर्द होता है। साथ ही इन सभी कामों को करने में दिक्कत आने लगती है। कभी-कभी घुटनों और जोड़ों में सूजन आती है।
क्या है कॉन्ड्रेमलेशिया पटेला का कारण —
कॉन्ड्रेमलेशिया पटेला होने के पीछे कई कारण होते हैं। जिसमें सबसे प्रमुख है मांसपेशियों का कमजोर होना। इतना ही नहीं पैरों को बाहर और अंदर की तरफ घुमाने के लिए जिम्मेदार मांसपेशियों में असंतुलन होना भी इसके पीछे कारक बनता है। दौड़ते, कूदने के कारण घुटनों के जोड़ों में तनाव आ जाता है। नीकैप में चोट लगने के कारण वह अपनी जगह से हट सकती है जिस कारण भी कॉन्ड्रेमलेशिया पटेला के समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
मूवमेंट का न होना है बड़ा कारण —
- आपको बता दें युवाओं की सिटिंग जॉब अधिक होने लगी हैं जिसके कारण
- शारीरिक गतिविधियां न होने के कारण और अधिक समय तक एक ही जगह पर बैठने के कारण इस तरह की समस्याएं घेरने लगती हैं।
क्या करन चाहिए —
विशेषज्ञों की मानें तो घुटनों में कभी ऐसी समस्याएं तो तुरंत एक्सरसाइज शुरू कर देनी चाहिए। विशेष रूप से घुटनों की स्ट्रेचिंग पर ध्यान देना चाहिए। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अक्सर उन युवाओं को भी घुटनों में दर्द का सामना करना पड़ता है जो अचानक से वर्कआउट करना शुरू कर देते हैं। अचानक से वर्कआउट शुरू करने की स्थिति में आपकी मसल्स पूरी तरह से तैयार नहीं होती। इसलिए उसमें लचीलापन न होने के कारण वर्कआउट शुरू करते ही घुटनों में दर्द की समस्या शुरू हो जाती है।
क्या है कॉन्ड्रेमलेशिया पटेला का इलाज?
कॉन्ड्रेमलेशिया पटेला का कारण घुटने में पुरानी चोट या कार्टिलेज में कमजोरी के कारण होता है। इसलिए इस तरह की कोई भी समस्या होने पर डॉक्टर से जरूर सलाह लें। सलाह के बाद एक्स-रे और एमआरआई स्कैन (MRI Scan) की जरूरत कराएं। हालांकि ऐसा कहा जाता है कि इस समस्या को साधारण इलाज और एक्सरसाइज करके भी ठीक किया जा सकता है।
ध्यान रखने योग्य बातें —
- भार उठाने से बचें।
- विटामिन डी आवश्यक मात्रा में लेते रहें।
- सूरज की रोशनी विटामिन डी का सबसे अच्छा सोर्स है। आधा घंटे के लिए धूप में जरूर बैठें।
- हेल्दी डाइट लें।
- फलों, सब्जियों, नट्स आदि चीजों को शामिल करें।
- नट्स ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होते हैं।