नई दिल्ली- BJP से निष्कासित हुई नूपुर शर्मा का मामला तो आप सभी को ज्ञांत होगा कि उनके पैगम्बर मोहम्मद के ऊपर दिए गए बयान के ऊपर देश में कितना हंगामा हो गया था। तब पूरे देश का मुस्लिम समुदाय एक होकर नूपुर शर्मा से माफ़ी की मांग कर रहा था और सरकार से नूपुर शर्मा की गिरफ़्तारी की मांग कर रहा था। बात यहीं तक सीमित नहीं रही तब उस मामले में भारत के कई पडोसी देश और कई मित्र देश भी भारत के खिलाफ जहर उगल रहे थे अति तो तब हो गई जब इस्लामिक देशों के संघटन ओ.आई.सी.(Organisation of Islamic Cooperation) भारत सरकार से इस विषय में मांफी मांगने की मांग करने लगा। हालाँकि अभी मामला नूपुर शर्मा से जुड़ा हुआ नहीं है। अब मामला है भारत के पडोसी देश चीन का जहाँ पर रहने वाले उइगर मुस्लिमों के साथ होने वाले जुल्म से पूरी दुनियां वाकिफ है परन्तु अब सवाल यह उठता है की आखिर अब अपने आप को मुस्लिमों का संरक्षक कहने वाला संघटन ओ.आई.सी.(Organisation of Islamic Cooperation) अब क्यों मौन है? आखिर अब क्यों ओ.आई.सी. इस विषय में कुछ भी बोलने से बच रहा है जबकि चीन में रहने वाले मुस्लिम की हालत वाकई दयनीय है।
आई यू.एन.ओ. की रिपोर्ट से हुआ खुलासा-
हाल ही में आई यू.एन.ओ. जिस रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है उस रिपोर्ट का लम्बे समय से इन्तजार हो रहा था परन्तु हाल ही में जब रिपोर्ट सार्वजनिक हुई तो कई विषयों को लेकर बातें साफ हों गई। रिपोर्ट में यू.एन. ने चीन पर ‘मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन’ का आरोप लगाया है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन में उइगर मुस्लिमों और दूसरे एथनिक अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहा है। हालांकि, चीन इससे इनकार करता रहा है।
डिटेंशन सेंटर में रखे जाते है उइगर मुस्लिम-
यू.एन. की रिपोर्ट में साफ़ कहा गया है चीन में उइगर मुस्लिमों को डिटेंशन सेंटर में रखा जाता है जहाँ पर उनके साथ ज्यादती की जाती है और इस ज्यादती में यौन शोषण और नस्ली भेद-भाव भी शामिल है। हालांकि, मानवाधिकार समूहों का अनुमान है कि अकेले नॉर्थ-ईस्ट चीन के शिनजियांग प्रांत में 10 लाख से ज्यादा लोगों को डिटेंशन सेंटरों में कैद करके रखा गया है। वहां उन्हें अमानवीय यातनाएं दी जाती हैं।
जबरन कराइ जाती है नसबंदी-
यू.एन. ने अपनी रिपोर्ट में यह भी साफ़ किया है की डिटेंशन सेंटर में रखे गए अल्पसंख़्यकों की जबरन नसबंदी करवाई जाती है ताकि चीन में उनकी आबादी ज्यादा न हो जाए। उन पर परिवार नियोजन और बर्थ कंट्रोल नीतियों की भेदभावपूर्ण नीति लागू की जाती है।
कई देश इस विषय को लेकर चिंता जाहि कर चुके हैं-
चीन में रहने वाले उइगर मुस्लिमों के साथ होने वाला अत्याचार कोई नई बात नहीं है दुनियां के कई देश इस विषय को पहले भी गंभीरता से उठाते रहे हैं परन्तु चीन उनकी इन बातों का खंडन करता रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार यू.एन. द्वारा जारी की गई इस रिपोर्ट को चीन ने पहले ही देख लिया था और उसने इसे जारी नहीं करने की गुजारिश की थी।