Children Anger Control Tips: आज के जमाने में बच्चे बेहद कम उम्र में ही अपने माँ-बाप पर बहुत ही ज्यादा गुस्सा करने लगे हैं. इतना ही नहीं माँ-बाप के द्वारा किसी भी बात के बोलने पर बहुत ज्यादा चिड़चिड़ापन वाला व्यवहार करने लगता हैं.
कई बार बच्चें अपनी मम्मी पापा को उल्टा जवाब देना, उंची आवाज में बात करना जैसी चीजें करते हैं. यदि आपके बच्चें भी ऐसा व्यवहार करते हैं तो आपको इसे लेकर सावधानी बरतने की जरुरत है.
क्योंकि यह व्यवहार बड़े होकर ज़िन्दगी में काफी परेशानी आ सकती है. आज हम आपको इस गुस्से का कारण और इससे निपटने का तरीका बताएंगे.
आखिर क्यों बच्चें करते हैं गुस्सा
बच्चों में गुस्सा बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं। सबसे पहले, आजकल की तेज़-रफ़्तार जिंदगी और बढ़ती प्रतिस्पर्धा बच्चों पर दबाव डाल सकती है। जब बच्चे इस दबाव को समझ नहीं पाते, तो वे अपने मन की बात या भावनाओं को ठीक से व्यक्त नहीं कर पाते, जिससे गुस्सा पैदा हो सकता है।
इसके अलावा, परिवारिक समस्याएँ, जैसे माता-पिता के बीच के झगड़े, बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं, जिससे उनमें चिड़चिड़ापन और गुस्सा बढ़ता है।
साथ ही, बच्चों में सही अनुशासन और सीमाओं की कमी भी उनके गुस्से के बढ़ने का कारण हो सकती है। अगर बच्चों को अपने भावनाओं को सही तरीके से संभालने की शिक्षा नहीं दी जाती, तो वे गुस्से में गलत व्यवहार कर सकते हैं।
इसके अलावा, मीडिया और वीडियो गेम्स में हिंसा का बढ़ता प्रभाव भी बच्चों के गुस्से को बढ़ावा दे सकता है।
इन तरीकों से करवाएं शांत
बच्चे की भावनाओं को समझें
सबसे पहले, यह जरूरी है कि आप बच्चे की भावनाओं को समझें। उसकी बात सुनें और जानें कि वह किस बात पर गुस्सा हो रहा है। बच्चे के विचारों और भावनाओं को समझने की कोशिश करें। इससे बच्चे को यह महसूस होगा कि उसकी भावनाओं को महत्व दिया जा रहा है, जिससे उसका गुस्सा कम हो सकता है।
धैर्य रखें और शांत रहें
जब बच्चा गुस्से में हो, तो उसे डांटने या चिल्लाने से बचें। इसके बजाय, शांत रहें और धैर्य से काम लें। आपका शांत व्यवहार बच्चे को भी शांत करने में सहायक होगा। बच्चे को यह दिखाएं कि कैसे शांत रहकर समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।
गुस्सा निकालने के स्वस्थ तरीके सिखाएं
बच्चे को सिखाएं कि गुस्सा निकालने के कुछ स्वस्थ तरीके होते हैं, जैसे कि गहरी सांस लेना, ध्यान लगाना, या फिर कुछ समय के लिए अकेले रहना। आप उसे कह सकते हैं कि जब भी वह गुस्सा महसूस करे, तो वह कुछ समय के लिए अलग जगह पर जाकर बैठ जाए और गहरी सांसें ले।
बच्चे को सकारात्मक गतिविधियों में शामिल करें
बच्चों का गुस्सा अक्सर ऊर्जा का परिणाम हो सकता है, जिसे सही दिशा में लगाना जरूरी है। उन्हें खेल, कला, संगीत, या अन्य शौक में शामिल करें, ताकि वे अपनी ऊर्जा को सकारात्मक तरीके से व्यक्त कर सकें। इससे उनका ध्यान (Parenting Tips) गुस्से से हटकर कुछ उत्पादक कार्यों की ओर मुड़ेगा।
रूटीन और नियम बनाएं
बच्चों के जीवन में एक नियमित रूटीन और कुछ स्पष्ट नियम होना चाहिए। यह उन्हें सुरक्षा और स्थिरता का एहसास कराता है, जिससे गुस्से की स्थितियां कम हो सकती हैं। नियम और रूटीन के पालन से बच्चे में अनुशासन और संयम विकसित होता है।
प्रशंसा और इनाम की प्रणाली अपनाएं
जब बच्चा गुस्से को सही तरीके से संभालता है, तो उसकी प्रशंसा करें और उसे इनाम दें। यह उसे प्रेरित करेगा कि वह भविष्य में भी अपने गुस्से को नियंत्रित कर सके। प्रशंसा और सकारात्मक प्रतिक्रिया से बच्चे के आत्म-सम्मान में वृद्धि होती है, जिससे गुस्से की प्रवृत्ति में कमी आ सकती है।
MP News: सदस्यता अभियान में MP दूसरे नंबर पर, अबतक 1 लाख 19 हजार सदस्य बनाए गए
Study with Job: जॉब के साथ पढ़ाई करने के स्मार्ट तरीके, ऐसे आसानी से मैनेज करें अपना टाइम