हाइलाइट्स
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मानव अधिकार आयोग ने 4 हफ्ते में मांगा जवाब
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भिक्षावृत्ति विरोधी कानून को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए
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प्रदेश में भिखारियों की संख्या बताए राज्य सरकार
Children Begging in MP: राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने स्वत: संज्ञान लेते हुए इंदौर के एक मामले में राज्य सरकार को नोटिस थमाया है. दरअसल कुछ दिन पहले इंदौर में एक महिला अपने 2, 3, 7, 8 और 10 साल के बच्चों से भीख मंगवाती थी. महिला और बच्चों को एक संस्था ने रेस्क्यू किया था. इसी मामले पर अब NHRC ने राज्य शासन को नोटिस देकर 4 हफ्तों में जवाब देने के लिए कहा है.
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महिला 45 दिनों में जुटाए थे 2.5 लाख रुपए
महिला ने अपने पांचों बच्चों को भीख (Children Begging in MP) मांगने के काम पर लगाया था. महिला ने भीख मांगकर एक प्लॉट, एक दो मंजिला घर, एक मोटरसाइकिल, और एक 20,000 रुपये का स्मार्टफोन भी खरीदा था. महिला ने भीख मांगकर छह हफ्तों में 2.5 लाख रुपये जुटाए थे. महिला ने अपने सभी बच्चों को इंदौर में महाकाल मंदिर जाने वाले रास्ते में भीख मांगने के लिए काम पर लगा रखा था.
स्कूल जाने की उम्र में भीख मांग रहे बच्चे
आयोग ने मानव अधिकारों का उल्लंघन मानते हुए राज्य शासन से जवाब मांगा है. आयोग का कहना है कि महिला पर पहले से कई अपराध दर्ज हैं. जिससे जाहिर होता है कि राज्य में संबंधित अधिकारी सतर्क नहीं है. जिसके कारण छोटे बच्चे अपने ही परिवार के सदस्यों के द्वारा उत्पीड़न का शिकार हो रहे हैं. जिस उम्र में छोटे बच्चों को स्कूल जाना चाहिए और अपनी पढ़ाई और करियर पर ध्यान देना चाहिए. उस उम्र में वे जीवन जीने के अनैतिक तरीके अपनाने के लिए मजबूर हैं.
NHRC ने एमपी के मुख्य सचिव को थमाया नोटिस
आयोग ने एमपी गवर्मेंट के मुख्य सचिव को नोटिस जारी करते हुए कहा कि ऐसी घटनाओं की फिर से न हों, यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार कदम उठाए. साथ ही आयोग ने राज्य के अधिकारियों को किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार छोटे बच्चों के संबंध में की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी देने के भी निर्देश दिए हैं.
भिखारियों की संख्या बताए सरकार
राज्य सरकार से आयोग ने भिखारियों की संख्या और उनके खिलाफ की गई कार्रवाई के आंकड़े भी मांगे. साथ ही उनके पुनर्वास के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी भी देने के लिए कहा है. इसके साथ ही सरकार “एमपी भिक्षा वृत्ति निवारण अधिनियम, 1973” को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए.
बता दें 13 फरवरी को महिला को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. जिस बाद में परदेशीपुरा स्थित भिक्षुक पुनर्वास केंद्र पर भेजा गया था. जहां महिला और बच्चों की काउंसलिंग की गई.