हाइलाइट्स
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5-6 अप्रैल की दरमियानी रात ट्रेन में हुई घटना
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मालवा एक्सप्रेस से चोरी हुआ था दो माह का बच्चा
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जीआरपी ने आरोपियों को गिरफ्तार कर किया खुलासा
MP News: मालवा एक्सप्रेस से बच्चा चोरी मामले का जीआरपी ने पटाक्षेप कर दिया है। आरोपी कौन थे, कैसे उन्होंने घटना को अंजाम दिया और क्यों बच्चा चोरी किया। ये जानकारी हम आपको इस खबर में नीचे देंगे।
सबसे जरुरी ये है कि एक दो माह के बच्चे को अपनी मां से बिछड़े हुए एक सप्ताह हो गया है। बंसल न्यूज डिजिटल ये अपील करता है कि अब ऐसे में कानूनी प्रक्रिया के चलते उसे अपनी मां से मिलाने में थोड़ी भी देरी नहीं करनी चाहिए।
जानकारों की मानें तो मासूम को उसकी मां को सौंपा जाना चाहिए। इसके लिए किशोर न्याय अधिनियम 2015 में प्रावधान भी है।
ऐसे मामलों में क्या होती है प्रक्रिया
बच्चों के मामलों में फैसला लेने का अधिकार बाल कल्याण समिति यानी CWC को होता है। हर जिले में बाल कल्याण समिति संचालित होती है।
गुम बच्चों के मामलों में जो दंपती बच्चा उनका होने का दावा करती है, बाल कल्याण समिति इस दावे की पुष्टी होने के बाद ही बच्चे को दंपती या अभिभावक को सौंपती है।
ट्रेन में हुआ था बच्चा चोरी: एक सप्ताह से बिछड़े मासूम को मां से मिलाने में न हो देरी, किशोर न्याय एक्ट में भी प्रावधान#MPNews #railway #railways @IndoreCollector @CMMadhyaPradesh @dmgwalior @RailMinIndia
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इस केस में क्या फंसा पेंच
इंदौर जीआरपी ने बच्चे को बाल कल्याण समिति काे सौंपा था। समिति का कार्यकाल पूरा हो चुका है इसलिए अब कलेक्टर इस मामले में निर्णय लेंगे।
वहीं छुट्टीयों के कारण भी प्रक्रिया में बहुत देरी होने से बरामदगी के बाद भी बच्चे को संस्थागत संरक्षण दिया गया है।
जानकारी में ये भी आ रहा है कि इसके लिए DNA टेस्ट भी करवाया जाएगा। जिसके आधार पर बच्चे को दंपती को सौंपा जाएगा। इसमें बच्चे को सौंपे जाने में देरी हो रही है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
पूर्व सदस्य मध्यप्रदेश बाल आयोग और बाल कानून विशेषज्ञ विभांशु जोशी ने बताया कि किशोर न्याय अधिनियम 2015 में ये स्पष्ट प्रावधान है कि किसी बच्चे को संस्थागत रखने का निर्णय अंतिम होना चाहिए।
यदि इसके पहले कोई और विकल्प हो जिसके आधार पर बच्चे को माता पिता को सौंपा जा सकता है, तो उन विकल्पों पर विचार होना चाहिए।
इस आधार पर बच्चे के हित में सर्वोत्तम फैसला लेते हुए बच्चे को माता पिता को सौंपा जा सकता है।
अब पूरी घटना जान लीजिए
छतरपुर के रठखेड़ा गांव निवासी उमेश अहिरवार अपनी पत्नी सुखवंती और दो माह के बेटे नमन के साथ माता वैष्णो देवी के दर्शन कर 5 अप्रैल को मालवा एक्सप्रेस से लौट रहे थे।
एस-2 कोच में बर्थ नंबर 13 और 14 में उनका झांसी तक रिजर्वेशन था। रात 11 बजे आगरा पहुंचने पर दंपती सो गई।
तड़के जब डबरा स्टेशन के पास उमेश की नींद खुली तो देखा कि पत्नी सो रही है लेकिन बच्चा गायब (MP News) है।
शोर मचाया तो RPF (रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स) के जवान पहुंचे और बच्चे को तलाशना शुरू किया।
बच्चा नहीं मिलने पर दंपती की तरफ से 7 अप्रैल को ग्वालियर के जीआरपी थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी।
मालवा एक्सप्रेस से ऐसे किया था बच्चा चोरी
आरोपी इंदौर निवासी अमर सिंह चौहान अपनी पत्नी इंदु और साली रंजना चनाल के साथ मथुरा-वृंदावन से लौट रहे थे।
लौटते वक्त आगरा से मालवा एक्सप्रेस में चढ़े। रिजर्वेशन नहीं था इसलिए ऊपर की बर्थ खाली देखकर बैठ गए।
मौका देखकर निचली बर्थ पर सो रही सुखवंती के पास लेटे दो माह के अमन को उठाकर ट्रेन से उतर गए थे।
पकड़े जाने के डर से जीआरपी को सौंपा बच्चा
पुलिस के एक्टिव होने की खबर (MP News) मिलते ही आरोपी घबरा गए। पकड़े जाने के डर से वे इंदौर जीआरपी थाने पहुंचे और बच्चा सौंप दिया।
पुलिस ने जब एक दिन बाद आने का कारण पूछा तो बताया कि उनको ट्रेन में कुछ युवक मिले, जो जबरदस्ती बच्चा मांग रहे थे।
युवकों से डरकर वे ललितपुर में उतर गए। बस से भोपाल पहुंचे और यहां से कार से इंदौर आए।
अमर ने कहा कि वह ड्यूटी पर चला गया था इसलिए एक दिन बाद बच्चा लेकर थाने पहुंचे।
वंश आगे बढ़ाने की चाहत में चुराया था बच्चा
अमर और इंदु की एक बेटी है। उनको चिंता थी कि वंश आगे कैसे बढ़ेगा।
कई डॉक्टरों से इलाज के बाद भी जब बेटा नहीं हुआ तो उन्होंने वारदात को अंजाम दिया।
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि यह कदम उन्होंने बेटा पाने की चाह में उठाया था।
नमन के माता-पिता उमेश अहिरवार और सुखवंती इंदौर पहुंच गए हैं लेकिन अभी उनको बच्चा नहीं मिल सका है।
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तीन आरोपी में से दो सरकारी संस्थानों के कर्मचारी
जीआरपी ने मामले में आरोपी इंदु चौहान और उसका साथ देने वाली बहन रंजना चनाल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया (MP News) है।
वहीं अमर सिंह चौहान 5 दिन की पुलिस रिमांड पर है। इनमें रंजना चनाल रेलवे की कर्मचारी बताई जा रही है।
वहीं अमर सिंह आईआईएम में जिम ट्रेनर बताया जा रहा है। हालांकि इसकी अधिकारिक पुष्टी नहीं हुई है।
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बड़ा सवाल: किस समाज में जी रहे हम!
बेटे की चाहत में लोग किस-किस तरह के हथकंडे अपनाते हैं ये किसी से छुपा नहीं है।
अब पढ़े लिखे लोग भी वंश बढ़ाने की चाहत में किसी भी हद तक जाने को तैयार है।
सवाल ये है कि आखिर हम किस समाज में जी रहे हैं।
बच्चा चोरी करने वाले कोई और नहीं बल्कि हमारे समाज में ही रह रहे पढ़े लिखे लोग हैं।