हाइलाइट्स
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स्कूलों को बोर्ड लगाकर बताना होगी फीस
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20 जून तक का बाल आयोग ने दिया समय
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जानकारी नहीं दी तो होगी कार्रवाई
Chhattisgarh News: प्राइवेट स्कूलों की मनमानी से पालक हर साल परेशान रहते हैं। प्राइवेट स्कूलों के द्वारा कई तरीकों से बच्चों से मनमानी फीस वसूली जाती है।
इसको लेकर पहले भी कई आदेश दिए जा चुके हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ ओर ही है। मनमानी फीस वसूली की शिकायतों के आने के बाद अब बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सख्ती दिखाई है।
बाल अधिकार संरक्षण आयोग (Bal Adhikar Sanrakshan Aayog) ने प्राइवेट स्कूलों को लेकर सख्त आदेश जारी किया है। इस आदेश के तहत अब प्राइवेट स्कूलों में की जा रही फीस वसूली की मनमानी नहीं चल सकेगी।
इस आदेश से छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh News) में अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों (CG School Admission 2024) में पढ़ाने का सपना देख रहे पालकों को काफी राहत मिली है। अब बच्चे व पालकगण भी प्रदेश के सभी प्राइवेट स्कूलों की फीस की सूची ऑनलाइन देख सकेंगे।
बोर्ड लगाकर बताना होगी फीस
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh News) में बाल अधिकार संरक्षण आयोग (Bal Adhikar Sanrakshan Aayog) ने प्राइवेट स्कूलों को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
इस आदेश में कहा है कि अब प्राइवेट स्कूलों को बोर्ड लगाकर फीस की जानकारी देना होगी। ऐसा नहीं करने वाले स्कूलों पर अब बाल आयोग (Commission for Protection of Child Rights) सीधे कार्रवाई करेगा।
इसके साथ ही प्राइवेट स्कूलों (CG School Admission 2024) को अपनी संस्था की वेबसाइट पर भी जानकारी देना होगी।
20 जून तक देना होगी जानकारी
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh News) बाल अधिकार संरक्षण आयोग (Commission for Protection of Child Rights) ने सख्ती के साथ कहा है कि सभी प्राइवेट स्कूल 20 जून तक अपने स्कूल की कक्षावार फीस की जानकारी सार्वजनिक करें।
इसके साथ ही स्कूल के बारे में भी अभिभावकों को जानकारी उपलब्ध कराएं। 20 जून तक फीस की संबंध में जानकारी स्कूली की वेबसाइट के साथ ही स्कूल परिसर में बोर्ड पर भी चस्पा की जाना चाहिए। ऐसा नहीं करने वाले स्कूलों पर अब कार्रवाई की जाएगी।
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छत्तीसगढ़ में 6533 प्राइवेट स्कूल
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh News) में 6 हजार 533 प्राइवेट स्कूल (CG School Admission 2024) हैं। इन प्राइवेट स्कूलों में प्रदेश के लाखो बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं।
इन स्कूलों की मनमानी से पालकों की जेब खाली हो रही है। स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए सरकार और बाल अधिकार संरक्षण आयोग सख्त है।