Child Labour In MP: रायसेन में 59 मासूम बच्चों से एक शराब फैक्टरी में काम करते बाल संरक्षण टीम ने रेस्क्यू किया है. बच्चों से फैक्टरी में 15-15 घंटे काम कराया जा रहा था. शराब फैक्टरी में काम करने से बच्चों के हाथों की चमड़ी निकली गई है. राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की टीम ने शनिवार को छापे मारकर बच्चों का रेस्क्यू किया है. हैरानी की बात ये है कि बच्चों को फैक्टरी तक स्कूल बस से लाया जाता था.
सेहतगंज की सोम फैक्टरी का मामला
बाल श्रम निरोधक माह के अंतर्गत @NCPCR_ को बचपन बचाओ आंदोलन से प्राप्त शिकायत के आधार पर आज रायसेन ज़िले में सोम डिस्टलरी नामक शराब बनाने वाली फ़ैक्टरी में निरीक्षण किया गया जहां 50 से अधिक बच्चे शराब बनाने का काम करते हुए पाए गए हैं इनमें 20 लड़कियाँ भी हैं।
यह संस्थान सरकार के… pic.twitter.com/8KrabMZyZB— प्रियंक कानूनगो Priyank Kanoongo (@KanoongoPriyank) June 15, 2024
रायसेन जिले के सेहतगंज में स्थित सोम फैक्टरी का ये मामला है. यहां राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (National Commission for Protection of Child Rights) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने अपनी टीम के साथ शनिवार को 59 बाल मजदूरों का रेस्क्यू किया. इनमें से 20 लड़कियां भी हैं, ये सभी बच्चे रायसेन, भोपाल और सेहतगंज क्षेत्र के रहने वाले हैं. फैक्ट्री में बच्चों से 15-16 घंटे काम लिया जा रहा था.
बचपन बचाओं आंदोलन से मिली थी शिकायत
प्रियंका कानूनगो ने बताया कि बचपन बचाओ आंदोलन द्वारा इसकी शिकायत मिली थी. इस फैक्ट्री में 15-16 घंटे बच्चों से शराब बनवाने का काम कराया जाता था. कानूनगो ने आरोप लगाया कि ये आबकारी इंस्पेक्टर विवेक सक्सेना की मिलीभगत से हो रहा था. अधिकारी की नाक के नीचे यह खेल चल रहा था और वे आंखें बंद करके बैठे थे. उन्होंने इंस्पेक्टर को फटकार लगाई साथ ही विभाग के सीनियर अधिकारियों से उनपर कार्रवाई करने के लिए कहा है.
फैक्टरी मालिक पर एफआईआर
इस मामले में बाल अधिकारी आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने बताया कि बाल श्रम निरोधक माह के अंतर्गत बाल आयोग को इसकी जानकारी बचपन बचाओ आंदोलन संस्था ने दी थी. जिसके बाद कार्रवाई की गई. अब इस मामले में फैक्ट्री प्रबंधन के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज कराई जा रही है.