वनाधिकार मान्यता पत्रों के वितरण में तेजी लाने के मुख्य सचिव ने दिए निर्देश

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रायपुर: मुख्य सचिव अमिताभ जैन की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय (महानदी भवन) में अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 एवं 2007 यथा संशोधित 2012 के क्रियान्वयन की समीक्षा हेतु गठित राज्य स्तरीय निगरानी समिति की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में मुख्य रूप से व्यक्तिगत वन अधिकार पत्रों के वितरण की प्रगति, सामुदायिक प्रयोजन हेतु वितरीत वन अधिकार पत्र, सामुदायिक एवं व्यक्तिगत वनाधिकार के वितरीत भूमि में किए गए विकास कार्यों की समीक्षा की गयी।
मुख्य सचिव ने सामुदायिक प्रयोजन हेतु वनाधिकार मान्यता पत्रों के स्वीकृति कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए है। जैन ने कहा है कि वनाधिकार मान्यता पत्रों के वितरण की कार्यवाई के लिए गठित जिला और ग्राम स्तरीय समिति की नियमित बैठक आयोजित किए जाए और प्राप्त आवेदनों के निराकरण की कार्यवाई की जाए। जैन ने जिला स्तर पर वेबसाइट बनाने और वनाधिकार मान्यता धारकों और उनके जमीन पर किए गए विकास कार्यों की सूची को अद्यतन करने के निर्देश भी दिए है। सामुदायिक प्रयोजन के लिए वितरित जमीनों में आवश्यकतानुसार फलदार वृक्षों का रोपण करने के निर्देश भी उन्होंने दिए है। जैन ने जिला कलेक्टर और वन अधिकारियों को संयुक्त रूप से वृक्षारोपण के लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए है। जैन ने वनाधिकार पत्र धारकों की भूमि का चिन्हांकन करने और राजस्व एवं वन अभिलेखों में दर्ज करते हुए वनाधिकार पुस्तिका प्रदान करने के निर्देश भी दिए है।
समिति के सदस्य विधायक कांकेर शिशुपाल सोरी ने अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम का क्रियान्वयन नगरीय क्षेत्रों में भी करने और वन संसाधनों के प्रबंधन की कार्यवाई ग्राम सभा के माध्यम से करने के सुझाव दिए है। समिति के सदस्य पूर्व विधायक कटघोरा बोधराम कंवर ने सामुदायिक वनाधिकार पत्रों के प्राप्त आवेदनों का निराकरण पूरे छत्तीसगढ़ में त्वरित गति से करने के सुझाव दिए है।