CEC Selection Meeting Bjp VS Congress: देश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) की नियुक्ति को लेकर सोमवार को एक अहम बैठक हुई। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और गृह मंत्री शामिल हुए। राहुल गांधी ने इस बैठक को कुछ दिनों के लिए टालने की मांग की, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट 19 फरवरी को इस मामले की सुनवाई करने वाला है। लेकिन सरकार ने उनकी इस मांग को मानने से इनकार कर दिया।
राहुल गांधी ने बैठक टालने की बात क्यों की?
बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि CEC की नियुक्ति से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, इसलिए कुछ दिनों का इंतजार किया जाना चाहिए। उन्होंने इसे लोकतंत्र और संविधान का तकाजा बताया और कहा कि इसमें अहंकार (ईगो) रखने जैसी कोई बात नहीं है।
कांग्रेस का विरोध क्यों?
बैठक के बाद कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और सरकार की CEC चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाए। कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि CEC और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) की समिति होनी चाहिए। लेकिन सरकार ने CJI को इस प्रक्रिया से हटा दिया, जिसे कांग्रेस ने “ग़लत” बताया।
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अगर सुप्रीम कोर्ट सरकार के फैसले को रद्द कर दे तो?
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि अगर सरकार अभी CEC नियुक्त कर देती है और बाद में सुप्रीम कोर्ट इस प्रक्रिया को अवैध करार देता है, तो क्या होगा? इससे संवैधानिक संकट पैदा हो सकता है। इसलिए कांग्रेस चाहती थी कि इस बैठक को टाल दिया जाए।
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