रायपुर। Chher Chhera Festival: छेरछेरा छत्तीसगढ़ का अनोखा त्योहार है। यह त्यौहार छत्तीसगढ़ का प्रसिद्ध और लोक पारंपरिक त्यौहारों में से एक है।
इस दिन किसान अपनी मेहनत से कमाए अन्न या धन को दान में देकर त्यौहार मनाते हैं।
पूरे प्रदेश में (Chher Chhera Festival) छेरछेरा त्यौहार सभी वर्ग जाति एवं सम्प्रदाय के लोग इसे बड़े ही सादगी और हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं।
कब मनाया जाता है त्यौहार
(Chher Chhera Festival) छेरछेरा त्यौहार के लिये पौष माह की पूर्णिमा तिथि के ही दिन और रात को शुभ माना जाता है।
इस साल यह पूरे प्रदेश में आज यानी 25 जनवरी को मनाया जा रहा है।
"आ गे हे छेरछेरा, कोठी के धान ला हेरव संगवारी"
अब खुश होही छत्तीसगढ़ के किसान, जब 21 क्विंटल प्रति एकड़ अउ 3100 रु. क्विंटल के हिसाब से भाजपा सरकार खरीदही धान।
छ्त्तीसगढ़ के जम्मो किसान, जम्मो सियान, जम्मो मितान मन ल हमर छत्तीसगढ़ के लोक परब "छेरछेरा" के गाड़ा-गाड़ा बधई… pic.twitter.com/NsDNcHhoIJ
— Vishnu Deo Sai (@vishnudsai) January 25, 2024
दान का पर्व है छेरछेरा
छत्तीसगढ़ में जब किसान अपने खेतों से फसल को काट एवं मींजाई कर अपने घरों में भंडारण कर चुके होते हैं। तब यह पर्व पौष माह की पूर्णिमा तिथि यानी जनवरी के महीने में मनाते हैं।
दान देना महा पुण्य का कार्य होता है। इसलिए प्रदेश के लोग इस पर्व को दान देने के रूप में मनाते हैं।
बच्चे घर-घर जाकर मांगते हैं दान
इस दिन बच्चे अपने गांव के सभी घरों में टोलियों में जाकर (Chher Chhera Festival) छेरछेरा कहकर अन्न का दान मांगते हैं। लोग अपने घरों में रखें अन्न इन बच्चों को दान स्वरूप देते हैं।
बच्चों के अलावा महिलाएं, पुरुष और बुजुर्ग भी छेरछेरा दान मांगते हैं।
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सीएम साय ने दी छेरछेरा की बधाई
सीएम विष्णुदेव साय ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर बधाई दी है। सीएम ने पोस्ट में लिखा कि आ गे हे (Chher Chhera Festival) छेरछेरा, कोठी के धान ला हेरव संगवारी अब खुश हो ही छत्तीसगढ़ के किसान, जब 21 क्विंटल प्रति एकड़ अउ 3100 रु. क्विंटल के हिसाब से भाजपा सरकार खरीदही धान।
दूधाधारी मठ मंदिर पहुंचे भूपेश बघेल
पूर्व सीएम भूपेश बघेल रायपुर के दूधाधारी मठ मंदिर पहुंचे और छेरछेरा कार्यक्रम में शामिल हुए।
बघेल ने कहा आज के दिन दान देने और लेने की परंपरा है, हर बार में आता हूं।