हाइलाइट्स
-
अप्रैल 2024 में हेमचंद को मिला पद्मश्री
-
जड़ी-बूटी से मरीजों का करते हैं इलाज
-
धमकी के बाद पद्मश्री लौटाने का ऐलान
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले से बड़ी खबर सामने आ रही है। जहां पद्मश्री प्राप्त करने वाले हेमचंद मांझी ने अपना पद्मश्री पुरस्कार वापस करने का ऐलान किया है।
इसकी वजह जानकर सभी को हैरानी हो रही है। हेमचंद मांझी का कहना है कि उसको पद्श्री मिला है, जब से जान का खतरा बना हुआ है। उन्हें जान से मारने की धमकी दी जा रही है।
इससे वह परेशान हो गए हैं।
CG News: नारायणपुर में पद्मश्री हेमचंद मांझी ने पद्मश्री पुरस्कार लौटाने का किया एलान, नक्सलियों से धमकी मिलने के बाद उठाया कदम@vishnudsai @ArunSao3#CGnews #ChhattisgarhNews #NarayanpurNews #Padmashree #PadmaShri #PadmaShriAward #NaxalFreeBharat #Chhattisgarh pic.twitter.com/XArCqUDPI7
— Bansal News (@BansalNewsMPCG) May 27, 2024
बता दें कि नारायणपुर (Narayanpur News) जिले के ग्राम छोटेडोंगर के रहने वाले वैद्यराज हेमचंद मांझी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में अप्रैल में पद्मश्री 2024 से समानित किया था।
यह पुरस्कार मांझी को अप्रैल के महीने में दिया गया। इस सम्मान के बाद छत्तीसगढ़ गौरवमय था, लेकिन कुछ दिनों बाद ही ये स्थिति कैसे बदल गई कि हेमचंद मांझी अपना पद्मश्री वापस लौटाना चाहते हैं।
इसलिए दिया था सेवा सम्मान
हेमचंद मांझी (Padmashree Hemchand Manjhi) ने अपना पूरा जीवन जड़ी-बूटियों की खोज में खपा दिया। करीब पांच दशकों से उन्होंने हजारों मरीजों को ठीक किया है और कई गंभीर बीमारियों का इलाज कर वे मानव सेवा कर रहे हैं।
आमजनों की इस सेवा (Chhattisgarh News) के चलते केंद्र सरकार (Central govt) ने हेमचंद मांझी को पद्मश्री से समानित करने का निर्णय लिया था। उन्होंने जड़ी-बूटियों के माध्यम से कई तरह की गंभीर बीमारियों तक का इलाज किया है।
हॉस्पिटल नहीं थे तब किया इलाज
बता दें कि हेमचंद मांझी ने छोटेडोंगर (Chhattisgarh News) में उस समय बीमार लोगों का जड़ी बूटियों से इलाज करना शुरू किया जब यहां स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं थी।
उनके परिवार का कोई भी सदस्य वैद्य के पेशे में नहीं था, इसके बाद भी उन्होंने मानव सेवा करने का निर्णय लिया।
जड़ी बूटियों की खोज करते-करते उनका ज्ञान बढ़ता गया और नारायणपुर जिले (Chhattisgarh News) के अलावा प्रदेश एवं देश विदेश से मरीज भी उनके पास इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं।
वहीं उन्होंने पद्मश्री मिलने के बाद कहा था कि वह अंतिम सांस तक मानव सेवा करता रहूंगा।
ये खबर भी पढ़ें: CG Govansh Abhyaran yojana: अब गांव में ही मिलेगा काम, विष्णुदेव की इस योजना से छत्तीसगढ़ में बंपर रोजगार!
अब इसलिए लौटाना चाहते हैं पद्मश्री
पद्मश्री हेमचंद मांझी (Padmashree Hemchand Manjhi) ने ऐलान किया है कि वह पद्मश्री लौटाना चाहते हैं। इसके पीछे की उन्होंने सबसे बड़ी वजह जो बताई है, वह हैरान कर देने वाली है।
उन्होंने कहा कि मैं पद्मश्री पुरस्कार इसलिए लौटाना चाहता हूं, क्योंकि इस पुरस्कार से मेरी जान को खतरा है। मुझे यह पद्मश्री पुरस्कार मिलने के बाद नक्सलियों से धमकी मिल रही है।
नक्सली उन्हें जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। इसके बाद हेमचंद मांझी ने पद्मश्री पुरस्कार लौटाने का ऐलान किया है।