हाइलाइट्स
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छत्तीसगढ़ में जल्द शुरू होगी राजभाषा में पढ़ाई
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SCERT तैयार कर रहा इसका सिलेबस
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विकासखंडवार तैयार होगी साहित्यकारों सूची
Chhattisgarhi Language: प्रदेश में जल्द ही छत्तीसगढ़ी भाषा में पढ़ाई शुरू होगी. पहली से पांचवीं क्लास तक पढ़ाई शुरू होने जा रही है. राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (SCERT) छत्तीसगढ़ी भाषा में सिलेबस तैयार कर रहा है. इसके लिए लोक कथाकारों, शिल्पकारों, साहित्यकारों, संगीतकारों, लोक नर्तकों, लोक गीतकारों आदि से मदद ली जाएगी. साथ ही जिन वरिष्ठ नागरिकों और शिक्षकों को छत्तीसगढ़ी लोक संस्कृति में रूची है, उनकी भी मदद ली जाएगी.
साहित्यकारों और कलाकारों की बनाई जाएगी लिस्ट
प्राइमरी के बच्चों को पढ़ाने में छत्तीसगढ़ी साहित्य का संकलन कर चयनित कंटेट का इस्तेमाल किया जाएगा. इसके लिए विकासखंडवार लोक कथाकारों, साहित्यकारों और कलाकारों की लिस्ट बनाई जाएगी. कोर्स छत्तीसगढ़ी, सरगुजिहा, सादरी, हल्बी, गोंडी और कुंडख में बनेगा. डाइट की ओर से जारी सर्कुलर में शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का संदर्भ दिया गया.
कहा गया है कि बहु भाषावाद व भाषा की शक्ति के अनुसार पहली से पांचवीं क्लास तक छात्रों के लिए उनकी मातृभाषा, घर की भाषा, स्थानीय भाषा, क्षेत्रीय भाषा का माध्यम होना चाहिए. बताया गया कि डाइट के मार्गदर्शन में प्रथम चरण में 6 स्थानीय भाषाओं में पाठ्य पुस्तकें तैयार की जाएंगी. डाइट रायपुर को नोडल डाइट व दुर्ग को सहयोगी डाइट की भूमिका निभानी होगी.
सभी विषयों की पढ़ाई-लिखाई छत्तीसगढ़ी में हो: राजभाषा मंच
इधर मोर चिन्हारी छत्तीसगढ़ी मंच के प्रांतीय संयोजक नंद किशोर शुक्ल का कहना है कि SCERT, DEO और डाइट के लेटर से यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि प्राइमरी तक सभी विषयों की पढ़ाई छत्तीसगढ़ी में होगी या केवल एक सब्जेक्ट पढ़ाया जाएगा. उन्होंने कहा कि महतारी भाषा छत्तीसगढ़ी तभी माध्यम मानी जाएगी, जब भाषा-विषय समेत पांचवीं तक सभी विषयों की पढ़ाई-लिखाई छत्तीसगढ़ी में होगी. इसलिए शिक्षा विभाग इसका स्पष्ट आदेश जारी करे. सभी कोर्स छत्तीसगढ़ी में तैयार कराए जाएं.
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