Chhattisgarh Tourism: छत्तीसगढ़ के कोरबा में मौत का वाटरफॉल है। जहां गलती की कोई गुंजाइश नहीं है। जरा सी चूक, जिंदगी पर भारी साबित हो जाती है। प्रकृति की गोद में खूबसूरती बिखेरते झरने हर साल लोगों की बलि ले रहे हैं। उद्योग की नगरी कोरबा में कई मशहूर पर्यटन स्थल हैं। नदी-नालों से गिरते झरनों की खूबसूरती लोगों को अपनी ओर खींचती है
मुख्यालय से करीब 100 किलोमीटर दूर देवपहरी और बालको (Chhattisgarh Tourism) के पास परसाखोला का जलप्रपात पर्यटकों को रोमांचित करता है। जंगल और पहाड़ियों से घिरी इन खूबसूरत वादियों में सुकून मिलता है, लेकिन ये वाटरफॉल जितने खूबसूरत हैं, उतने ही खतरनाक भी हैं।
कई लोगों की जा चुकी है जान
झरनों की खूबसूरती (Chhattisgarh Tourism) के पीछे कई जिंदगियां दफन हो चुकी हैं। पिछले पांच साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो करीब 50 से 60 फीट की ऊंचाई से गिरने वाले परसाखोला में डूबने से 6 लोगों की मौत हो चुकी है। देवपहरी वाटरफॉल भी 9 लोगों की बलि ले चुका है। बावजूद इसके ना तो यहां सुरक्षा के कोई इंतजाम किए गए हैं, और न ही लोगों को लापरवाही पर अंकुश लगा। पुलिस जरूर लोगों को जागरूक करने की कोशिश में लगी रहती है।
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नहीं है सुरक्षा का इंतजाम
स्थानीय निवासी पप्पू सिंह का कहना है कि वाटरफॉल (Chhattisgarh Tourism) पर हर सीजन में बड़ी संख्या में सैलानी आते हैं। पर्यटाकों को वाटरफॉल के पानी की गहराई की कोई जानकारी नहीं रहती है, इसलिए वे हादसे का शिकार हो जाते हैं। जबकि इन डेंजर वाटरफॉल पर कोई सुरक्षा का इंतजाम नहीं है।
ठंडी में बढ़ती है पर्यटकों की संख्या
वैसे तो इन स्थलों पर 12 महीने लोगों की आवाजाही रहती है, लेकिन ठंड के मौसम (Chhattisgarh Tourism) में हजारों पर्यटक पिकनिक मनाने के लिए पहुंचते हैं। इस लिहाज से यहां सुरक्षा की बेहद जरूरत है, लेकिन वन विभाग के अधिकारियों के पास इतना भी वक्त नहीं कि यहां सुरक्षा सूचक बोर्ड लगा सकें।
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