हाइलाइट्स
जशपुर में होती है सबसे ज्यादा टमाटर की खेती
बाजार में 1 रुपए प्रति किलो बिक रहे टमाटर
किसानों ने टमाटर के रेट तय करने की मांग
Tomato Price: छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में टमाटर की बंपर पैदावार हुई है। इसके बावजूद भी किसानों के चेहरे पर मायूसी छाई हुई है। लुड़ेग क्षेत्र में टमाटर (Tomato Price) महज 1 रुपए प्रति किलो के भाव पर बिक रहा है, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस स्थिति से परेशान किसानों ने आज सड़कों पर टमाटर फेंककर विरोध प्रदर्शन किया।
दरअसल, इस साल टमाटर (Tomato Price) की अच्छी पैदावार होने के कारण बाजार में इसकी मांग कम हो गई है। अन्य राज्यों में भी टमाटर की अधिक उपज होने के कारण छत्तीसगढ़ के किसान अपनी फसल को दूसरे राज्यों की मंडियों तक नहीं भेज पा रहे हैं। इस वजह से खेतों में पके हुए टमाटर सड़ने लगे हैं और किसानों को उन्हें फेंकने के अलावा कोई चारा नहीं दिख रहा है।
6 साल बाद फिर बने वैसे ही हालात
किसानों का कहना है कि यह स्थिति 6 साल बाद फिर से उत्पन्न हुई है। उन्होंने बताया कि वे सेठ-साहूकारों से कर्ज लेकर टमाटर (Tomato Price) की खेती करते हैं, लेकिन गिरते दामों के कारण उनकी लागत भी नहीं निकल पा रही है। जशपुर जिले में लगभग 1 लाख एकड़ से अधिक क्षेत्र में टमाटर की खेती होती है, जिसमें करीब 11 हजार किसान शामिल हैं। जिन किसानों को अच्छे दाम नहीं मिलने से उनकी लागत ही नहीं निकल पा रही है।
टमाटर की खेती में लागत और मुनाफा
टमाटर (Tomato Price) की खेती में एक बीघे में 20 से 25 हजार रुपये की लागत आती है, जबकि अच्छे दाम मिलने पर एक बीघे से डेढ़ से 2 लाख रुपये तक की कमाई होती है। हालांकि, इस साल दाम गिरने से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
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हाइब्रिड टमाटर की खेती में फायदा
हाइब्रिड टमाटर (Tomato Price) की खेती में लागत कुछ ज्यादा होती है, खासकर कीटनाशक दवाइयों पर। हालांकि, यह खेती ज्यादा मुनाफा देने वाली होती है। हाइब्रिड टमाटर की खेती आमतौर पर मल्चिंग विधि से होती है। यह पौधे के लिए लाभदायक है।
टमाटर फसल के उचित दाम हो तय
किसानों ने सरकार से मांग की है कि वह टमाटर (Tomato Price) की खरीद के लिए उचित दाम तय करे और उनकी फसल को बचाने के लिए जरूरी कदम उठाएं। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने समय रहते कदम नहीं उठाए, तो उनकी स्थिति और भी बदतर हो जाएगी। इस समय हालत यह है कि किसानों को टमाटर बाजार में नहीं बिकने के कारण सड़कों पर फेंकना पड़ रहा है। इतना ही नहीं लागत नहीं निकल पा रही है। इससे किसानों ने इसकी तुड़वाई भी रुकवा दी है। इससे खेतों में ही टमाटर सड़ने लगे हैं।
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